गुरूवार को हाईकोर्ट से चारधामों को शुरू करने के आदेश मिलने के बाद आज लगभग चार महीने बाद यात्रा शुरू हो गई है. आज सुबह 5:00 बजे से 9:30 बजे तक करीब डेढ़ सौ श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचे. अभी भी भक्तों के आने का सिलसिला जारी है. धाम में महाराष्ट्र, मुंबई, राजस्थान और अजमेर सहित कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे हैं. तीर्थयात्री गंगोत्री धाम भी पहुंच रहे हैं.
उधर सिखों के प्रमुख धाम हेमकुंड साहिब के कपाट भी आज सुबह 9:00 बजे खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने के दौरान 70 श्रद्धालु मौजूद रहे. हेमकुंड ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिह विंद्र ने बताया कि यहां एक दिन में एक हजार यात्री ही दर्शन कर पायेंगे. साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड गाइड लाइन के नियमों का पालन करना होगा. श्रद्धालुओं को ऋषिकेश गुरुद्वारा ट्रस्ट के कार्यालय में पंजीकरण करवाकर प्रमाणपत्र साथ लाना होगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि 60 साल से अधिक उम्र और 10 साल से कम आयु के बच्चों को धाम में आने की अनुमति नहीं है. और कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध रहेगा.
बता दें कि चारधामों में दर्शन करने वाले यात्री प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे. न ही तिलक लगेगा. मंदिर में मूर्तियों और घंटियों को छूने पर भी रोक है. उधर बदरीनाथ में रोज 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में अधिकतम 400 लोग रोज दर्शन कर सकेंगे.
चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को धामों में ज्यादा दिन ठहरने की अनुमति नहीं होगी. बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में जारी ई-पास पर मात्र एक रात ठहरने की अनुमति होगी.
चारधाम यात्रा के लिए वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ पर पंजीकरण करना होगा. जिसके बाद ई-पास जारी किए जाएंगे. मंदिर परिसर के मुख्यद्वार पर पहले यात्रियों का ई-पास की चेकिंग की जाएगी.
राज्य से बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा. 15 दिन पहले लग चुकी वैक्सीन की दोनों डोज वालो को कोविड जांच नहीं करानी होगी. एक डोज वालों के लिए कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है. लेकिन केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद भी 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है.