देहरादून| उत्तराखंड से बड़ी खबर मिली है. सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक समाप्त हो गई है. मुख्य सचिव एसएस संधू ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट में 30 मुद्दों पर चर्चा हुई.
जानिए कैबिनेट के अन्य फैसले-
ऊर्जा विभाग में 2008 में केंद्र सरकार के द्वारा जल विद्युत नीति लायी गयी थी उसे आज तक लागू नहीं किया गया था जिसे आज कैबिनेट बैठक में लागू किया गया.
12 प्रतिशत बिजली की बजाय अब 13 प्रतिशत बिजली जल विधुत परियोजनाओं से 1% जो अतरिक्त बिजली सरकार को मिलेगी उस पैसे से जल विद्युत परियोजना से प्रभावित लोगो को दिया जाएगा.
वित्त विभाग में कई अधिकारियों के अधिकार को बढ़ाया गया है.
मसूरी क्षेत्र को पूरा एक तहसील बनाये जाने की मंजूरी.
पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत नई नियमावली को दी गई मंजूरी.
नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में एडमिशन के लिए 1 अप्रैल को 6 वर्ष होने पर मुहर.
लघु सिंचाई विभाग की सेवा नियमावली में बदलाव 75 की जगह 85 फ़ीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने को मंजूरी.
पुलिस दूरसंचार विभाग के ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी,2 पद हुए स्वीकृत, 8700 ग्रेड पे के दो 2 पद हुए स्वीकृत
13 पीपीएस पदों को कैबिनेट ने दी मंजूरी.
पशुपालन विभाग के तहत वेटरनरी कर्मियों को पहाड़ में सेवा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान के लिए बढ़ाई गई प्रति कृत्रिम गर्भाधान पर राशि.
उत्तराखंड में होने वाली राष्ट्रीय खेलों के लिए हाई पावर कमेटी का किया गठन..
एमएसएमई विभाग की नई पॉलिसी में किया गया बदलाव
पर्वतीय क्षेत्रों में सब्सिडी बढ़ाई गई है.
मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ में ज्यादा रखी गई है सब्सिडी.
कौशल विकास के तहत टाटा कम्पनी भी देगी आईटीआई संस्थानों में ट्रेनिंग.
मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित होंगे आईटीआई संस्थान.
सरकार के साथ मिलकर टाटा ग्रुप चलाएगा आईटीआई संस्थान.
चौरासी कुटिया स्वर्गाश्रम को फॉरेस्ट विभाग के साथ एचसीपी कंपनी करेगी विकास.
हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों में मास्टर प्लान के तहत किया जाएगा विकसित.
6 महीने में बन जाएगी डीपीआर.
सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन हुआ अनिवार्य.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने लिया फैसला.
उत्तराखंड में ड्रोन पॉलिसी को कैबिनेट ने दी मंजूरी.
उच्च शिक्षा विभाग के तहत छात्र वृत्ति योजना में किया गया संशोधन.
अब फैकल्टी के अनुसार 10% छात्रों को ही मिलेगी छात्रवृत्ति.
उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मिली मंजूरी.