उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के दौरान मौसम के खराब होने के कारण नौ ट्रैकरों की मौत हो गई। प्रशासन को सूचना मिलते ही रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया, जिसमें 13 ट्रैकरों को सुरक्षित बचा लिया गया। इनमें से 11 ट्रैकरों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया, जबकि दो को वन विभाग की टीम ने पैदल चलकर सुरक्षित निकाला।
बुधवार को पांच ट्रैकर्स के शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि लापता चार ट्रैकर्स के शव आज भटवाड़ी पहुंचाए गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के समापन के बाद एसडीआरएफ की टीम भी उत्तरकाशी लौट आई है।
जानकारी के अनुसार, आज वेंकटेश प्रसाद (53), पदमांधा कृष्णमूर्ति (50), अनिता रंगप्पा (60) और पद्मिनी हेगड़े (34) के शव लाए गए हैं। जबकि सिंधु वाकेलाम, आशा सुधाकर, सुजाता मुंगरवाडी, विनायक मुंगुरवाडी और चित्रा प्रणीत के शव बुधवार को लाए गए थे।
29 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकरों का 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था। दो जून को दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा था। इनमें से 20 ट्रैकर्स तीन जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अचानक मौसम खराब होने से घने कोहरे और बर्फबारी के बीच सभी फंस गए। समुचित व्यवस्था नहीं होने से पूरी रात उन्हें ठंड में काटनी पड़ी थी। जिसके चलते नाै ट्रैकर्स की माैत हो गई।