सेना में भर्ती की अग्निपथ भर्ती योजना पर सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल पर हुए संवाद में पूर्व सैनिकों ने योजना की तारीफ तो की, साथ में कुछ अहम सुझाव भी दिए. बता दें कि पूर्व सैनिकों ने केवल चार साल की सेवा और मासिक मानदेय में सुधार की उम्मीद की है. उत्तरकाशी से मेजर आरएस जमनाल (सेनि) ने कहा कि अब तक युवा अपना जीवन का अधिकांश भाग देश सेवा में न्यौछावर करने की भावना से जाता था. चार साल की सेवा में क्या वो जोश-जज्बा रह पाएगा? चार साल के बजाए सेवा अवधि 10 साल रहनी चाहिए.
पौड़ी से सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह राणा (सेनि), टिहरी से नायक विजय सिंह नेगी (सेनि), नैनीताल से मेजर गोपाल सिंह (सेनि), ने योजना की तारीफ की.
हरिद्वार से सूबेदार दिनेश चंद्र सकलानी (सेनि) ने कहा कि चार साल की सेवा के बाद लौटने वाले अग्निवीर को पर्वतीय क्षेत्रों में जमीने दी जानी चाहिए. पहाड़ में खेती के अभाव में बंजर होती जमीनों को अग्निवीर आबाद कर सकते हैं. इस सुझाव की सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी तारीफ की.
सेना की नियमित भर्ती में पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए कोटा होता है, अग्निपथ में उसका जिक्र नहीं है. चंपावत से ऑनरेरी कैप्टेन राजेंद्र सिंह देव (सेनि)ने कहा कि मासिक मानदेय 30 से 40 रुपये को बढ़ाकर 50 से 60 हजार रुपये होना चाहिए. चार साल की सेवा के बाद लौटने वाले को साढ़े ग्यारह की जगह 20 लाख रुपये दिए जाने चाहिएं. बागेश्वर के ऑनरेरी कैप्टेन दरबान सिंह (सेनि) ने कहा वर्ष 2020 में हुई भर्ती में क्वालिफाई कर चुके युवाओं को नियमित किया जाए. उन युवाओं को लगता है कि इस योजना की वजह से उन्हें आउट कर दिया गया है.
अल्मोड़ा से सूबेदार आरएस शाही(सेनि) ने भी फिजीकल क्वालीफाई कर चुके युवाओं की जल्द लिखित परीक्षा कराने की मांग भी की.
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– चार साल की सेवा कम है, इसे कम से कम 10 साल किया जाए
– मासिक मानदेय 50 से 60 हजार और रिटायर होने पर 20 लाख रुपये मिलें
– प्रत्येक अग्निवीर के लिए पेंशन की व्यवस्था हो
– पूर्व में जिन भर्तियों की आधी परीक्षा हो चुकी, उन्हें बहाल किया जाए
– अग्निवीरों को पहाड़ में जमीनें देकर खेती को दोबारा सरसब्ज किया जाए
– चार साल की सेवा के बाद किन विभागों में कैसे कैसे मिलेगी नौकरी स्पष्ट करें
– हर डीएम के पास अग्निवीरों को दी जाने वाली सुविधा-प्राथमिकता का आदेश भेजें