केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में टिहरी बांध का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने निर्माणाधीन पम्प स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बताया कि टिहरी बांध न केवल ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि जल प्रबंधन और सिंचाई के क्षेत्र में भी देश के विकास के लिए एक अनिवार्य आधार है।
मंत्री ने कहा कि इस बांध के माध्यम से राष्ट्र को मिलने वाली ऊर्जा और जल सुविधाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो कृषि, उद्योग और घरेलू जरूरतों को पूरा करने में सहायक हैं। उन्होंने परियोजना के संबंध में कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश देते हुए इसके शीघ्र पूर्ण होने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि टिहरी बांध की उपलब्धियों का पूरा लाभ देशवासियों को मिल सके।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि टिहरी बांध के पीएसपी (पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट) बनने के बाद इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट तक पहुँच जाएगी। इस परियोजना के महत्व को देखते हुए टीएचडीसी के सीएमडी आरके विश्नोई ने इस उपलब्धि के बारे में चर्चा की।
साथ ही उन्होंने निदेशक भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह, और अधिशासी निदेशक टिहरी परियोजना एलपी जोशी के साथ मिलकर बताया कि पीएसपी प्रोजेक्ट के सिविल कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं।
यह परियोजना न केवल क्षेत्र के लिए ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करेगी, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में स्थिरता और दक्षता भी बढ़ाएगी, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर विकास को नई दिशा मिलेगी।