उत्तराखंड में बेरोजगार संघ का प्रदर्शन जिसने कि कि घटना जो समाज में गहरी छाप छोड़ी। जब मुख्यमंत्री आवास के कूच के लिए बेरोजगार संघ के बैनर तले बेरोजगार विभिन्न मांगों को लेकर परेड ग्राउंड से निकले, तो किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि यह इतना बड़ा हंगामा बनेगा।
प्रदर्शनकारियों की भीड़ जो बेरोजगारी के मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करने के इच्छुक थे, परेड ग्राउंड में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ी। लेकिन यहां उन्हें पुलिस का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से टकराव किया, और इससे तीखी झड़प हो गई।पुलिस की प्रतिक्रिया भी कड़ी थी। वे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की और बेरोजगार संघ के प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की। हालांकि, बेरोजगार संघ के सदस्य अपनी मांगों को लेकर अधिकतर प्रदर्शनकारियों के साथ थे और उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा की।
इस पूरे घटनाक्रम में समाज को एक संदेश मिला कि बेरोजगारी जैसा मुद्दा जो किसी भी समाज के लिए गंभीर है, उसे लेकर लोग अपनी आवाज बुलंद करने में सक्षम हैं। यह घटना स्पष्ट करती है कि समाज के विभिन्न वर्ग बेरोजगारी को एक महत्वपूर्ण समस्या के रूप में देख रहे हैं और उसे हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।