उत्‍तराखंड

UCC का कड़ा संदेश लिव इन रिलेशन में रजिस्ट्रेशन में लापरवाही नहीं ,अब जेल के अलावा जुर्माने भी

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लिव-इन संबंध में पंजीकरण कराना अत्यंत आवश्यक है। यदि इसे एक माह के भीतर नहीं किया गया, तो कानून कार्रवाई कर सकता है। यह विधान समान नागरिक संहिता में शामिल किया गया है। साथ ही, इस संबंध को खत्म करने का अधिकार दोनों साथियों के पास है, और ऐसा करने पर उन्हें सब रजिस्ट्रार को सूचित करना होगा।

यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार, केवल एक वयस्क पुरुष और एक वयस्क महिला ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं। वे पहले से विवाहित नहीं हो सकते और न ही किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप या प्रोहिबिटेड डिग्रीस ऑफ रिलेशनशिप में हो सकते हैं।

लिव इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव इन में रहने के लिए अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। यह पंजीकरण एक रजिस्टर्ड वेब पोर्टल पर किया जाना होगा। लिव इन में आने के एक माह के भीतर अगर पंजीकरण नहीं हुआ तो न्यायिक मजिस्ट्रेट के दोषी ठहराए जाने पर तीन महीने की कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है।

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