देहरादून| उत्तराखंड के लिए आज का बड़ा दिन है. राज्य विधानसभा में आज समान नागरिक संहिता विधेयक यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल (UCC) को पेश किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बिल को सदन में प्रस्तुत किया. यूसीसी को लेकर कार्यसूची में बदलाव किया गया है. अब यूसीसी पर आज केवल चर्चा होगी. एक दिन के लिए यूसीसी का पारण टल सकता है. कल यूसीसी बिल पास हो सकता है.
सीएम धामी संविधान की मूल प्रति के साथ सदन में पहुंचे थे. वहीं, राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण संबंधी प्रवर समिति की रिपोर्ट भी टेबिल की गई थी.
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विधेयक लाने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार को शुरू हो गया था. सत्र के दूसरे दिन यानि आज मंगलवार को यह विधेयक पेश किया गया. सत्र को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की है और पूरे प्रदेश में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है.
उधर, हल्द्वानी में भारी पुलिस, सुरक्षा बल की तैनाती की गई है. यूसीसी को लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. बनभूलपुरा, इंदिरा नगर, गांधी नगर, शनि बाजार में पुलिस की तैनाती की गई है. एसपी सिटी, सीओ खुद इलाके में गश्त कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर रविवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी, जिसमें यूसीसी के मसौदे को मंजूरी दी गई थी. विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है.
आज सुबह ही सीएम धामी ने बिल को पेश किए जाने से पहले कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को एक समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश किया जाएगा. यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम UCC लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे. जय हिंद, जय उत्तराखंड.
दरअसल, सत्र की शुरूआत से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी सभी वर्गों के लिए अच्छा होगा और इसके लिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों से सदन में सकारात्मक तरीके से विधेयक पर चर्चा करने का अनुरोध भी किया. मंगलवार को सदन में रखे जाने के बाद विधेयक पर चर्चा की जाएगी. अन्य दलों के विधायकों से चर्चा में भाग लेने का अनुरोध करते हुए धामी ने कहा, ‘‘..सकारात्मक ढंग से चर्चा में भाग लें, मातृ शक्ति के उत्थान के लिए, राज्य के अंदर रहने वाले हर पंथ, हर समुदाय, हर धर्म के लोगों के लिए इसमें भाग लें.’’