बुधवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड के सहयोग से दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुयी। सहायक निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग डॉ दीपक कुमार पांडेय ने कहा कि प्रदेश में एकेडमिक क्रेडिट ट्रांसफर की रफ़्तार को बढ़ाने की ज़रुरत है। इसलिए पेश आ रही सभी तकनीकी समस्याओं के निदान हेतु कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सुनिश्चित करें कि एकेडमिक बैंक ऑफ़ क्रेडिट/ नेशनल एकेडमिक डिपाजिटरी के साथ रिजल्ट मैपिंग की जाए, क्योंकि बिना रिजल्ट मैपिंग के एकेडमिक क्रेडिट संभव नहीं है।
वहीं बीना मेनन उपसचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ऑनलाइन माध्यम से कहा कि क्रेडिट ट्रांसफर को कागज़ में नहीं बल्कि धरातल पर लाने की ज़रुरत है। इसलिए सभी विश्वविद्यालय, शिक्षा संस्थान तकनीकी समस्याओं को जल्द से जल्द दूर कर क्रेडिट ट्रांसफर की गति को बढ़ाएं ताकि एक राष्ट्र एक छात्र-पहचान को साकार किया जा सके। बावजूद इसके अगर कोई सहायता व परामर्श चाहिए तो यूजीसी इसके लिए तत्पर है।
सचिव, उच्च शिक्षा उत्तराखंड शैलेश बगोली ने कहा कि एकेडमिक बैंक ऑफ़ क्रेडिट के लिए छात्रों का क्रेडिट स्कोर अर्थात उनकी शिक्षा से जुड़े सभी दस्तावेज़ स्थानांतरित होने आवश्यक हैं। इसलिए इस कार्य को प्राथमिकता के साथ किया जाना ज़रूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को ऑनलाइन मार्कशीट डाउनलोड करने से पूर्व अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडेमिक अकाउंट रजिस्ट्री ) आईडी देना आवश्यक किया जाए। ताकि, छात्रों से लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन आईडी निर्माण में गति लाएं और क्रेडिट स्थानांतरण तेज़ी से हो।
इस मौके पर एनएडी-एबीसी के राष्ट्रीय समन्वयक गौरव खरे, तकनीकी विशेषज्ञ आलोक तोमर, रोहित सिंह, इंद्रेश रमोला सहित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, कुलसचिव विनोद कुमार, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक शामिल रहे।