केदारनाथ धाम में फंसे 4000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए आज दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। बुधवार रात बादल फटने के बाद आई आपदा के भयावह दृश्य को देखकर लोग दहशत में हैं। इसके बाद, काली रात के बाद उम्मीद भरी सुबह फंसे श्रद्धालुओं को दिखाई दी है।
बादल फटने से केदारनाथ धाम यात्रा के पैदल मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसके कारण विभिन्न जगहों पर फंसे यात्रियों को हेलिकॉप्टर और रेस्क्यू टीमों (एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबंधन, जिला पुलिस) के सहयोग से बचाया जा रहा है।
केदारघाटी में उपजे इन हालात के कारण नेटवर्क की समस्या बनी हुई है, जिससे यात्रा पर आए लोगों के परिजन आपस में संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने यात्रियों और आम जनता की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
भारी बारिश और बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी क्षति हुई है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में दो पुल और भीमबली में 25 मीटर रास्ता बह गया, जिससे केदारनाथ धाम की यात्रा को रोक दिया गया है। साथ ही फंसे 4000 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। 3300 को पैदल निकला है जबकि 700 यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।
रुद्रप्रयाग पुलिस के कंट्रोल रूम के नंबर 7579257572 और पुलिस कार्यालय में व्यवस्थित लैंडलाइन नंबर 01364-233387 को हेल्पलाइन नंबर के तौर पर शुरू किया गया है। इन नंबरों के व्यस्त रहने पर आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल करके आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।