देहरादून| धामी सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा फैसला लिया है। शासन के आदेश के अनुसार समूह ‘ग’ के पदों पर जिन परीक्षाओं हेतु अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क प्राप्त किया गया है, उन परीक्षाओं हेतु पुनः आवेदन शुल्क नहीं लिये जाने का निर्णय लिया गया है.
इसके अलावा लोक सेवा आयोग को सौंपी गई समूह ‘ग’ के अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु सीमा में छूट भी प्रदान की गई है. इस बाबत सचिव शैलेश बगौली ने शुक्रवार को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव को पत्र भेजा है.
समूह ‘ग’ के पदों पर आवेदन हेतु प्रोसेसिंग शुल्क के सम्बन्ध में-:
जारी आदेश के मुताबिक, समूह ‘ग’ के पदों की जिन परीक्षाओं हेतु अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क प्राप्त किया गया है, उन परीक्षाओं हेतु पुनः आवेदन शुल्क नहीं लिये जाने का निर्णय लिया गया है. शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि जिन परीक्षाओं हेतु अभ्यर्थियों से पूर्व में आवेदन शुल्क प्राप्त कर लिया गया है, उन परीक्षाओं हेतु प्रोसेसिंग शुल्क रु. 26.55 प्रति ट्रांजेक्शन (Per transaction) भी नहीं लिया जायेगा.
अधिकतम आयु सीमा में छूट अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में-:
उपर्युक्त विषय पर मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (कृत्यों का परिसीमन) (संशोधन) विनियम, 2022 द्वारा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परिधि के अन्तर्गत समूह ‘ग’ के कतिपय पदों की भर्ती को उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परिधि के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है. उक्त पदों में से कतिपय पदों पर भर्ती हेतु उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञप्ति निर्गत की गयी थी. इन पदों की परीक्षाओं हेतु जिन अभ्यर्थियों द्वारा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के सापेक्ष पूर्व में आवेदन किया गया था तथा वर्तमान में वे उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकाशित किये जाने वाले विज्ञापन में आवेदन हेतु अधिवयस्क हो जायेंगे, के दृष्टिगत उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूर्व में निर्गत विज्ञप्ति में उल्लिखित आयु की गणना तिथि को ही अधिकतम आयु सीमा हेतु कट ऑफ डेट माने जाने की राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं. यहाँ यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इन पदों के लिए एक बार लोक सेवा आयोग से विज्ञप्ति प्रकाशित होने के उपरान्त प्रकाशित होने वाली अगली विज्ञप्ति / चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत पुनः यह लाभ अनुमन्य नहीं होगा.
दिव्यांगजन को अनुमन्य क्षैतिज आरक्षण के सम्बन्ध में-:
राज्याधीन सेवाओं, शिक्षण संस्थाओं, सार्वजनिक उद्यमों/निगमों / स्वायत्तशासी संस्थाओं के अन्तर्गत सीधी भर्ती के प्रक्रम पर दिव्यांगजनों हेतु 04 प्रतिशत क्षैतिज (Horizontal) आरक्षण अनुमन्य है. शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि दिव्यांगजनों के लिए सीधी भर्ती के चयन में दिव्यांगजन अधिनियम, 2016 तथा इस सम्बन्ध में समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कतिपय कठिनाईयां प्रतीत हो रही हैं.
इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत निःशक्तजन अधिकार नियम, 2017 के नियम 11 (4) के अनुसार बैंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रिक्तियों को एक पृथक वर्ग के रूप में अनुरक्षित किया जायेगा. दिव्यांगजन हेतु आरक्षित रिक्तियों पर चयनित व्यक्तियों को उन श्रेणियों में रखा जायेगा, जिनसे वे सम्बन्धित है.
उदाहरण के लिए यदि कोई चयनित व्यक्ति अनुसूचित जाति श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित कोटे में रखा जायेगा, यदि वह अनुसूचित जनजाति श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित कोटे में रखा जायेगा, यदि वह अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित कोटे में रखा जायेगा. इसी प्रकार यदि वह खुली प्रतियोगिता श्रेणी से सम्बन्धित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके सम्बन्धित श्रेणी में रखा जायेगा.
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