उत्तराखंड राज्य में एएनएम के लगभग दो हजार पद स्वीकृत हैं लेकिन इनमें से 600 पद लंबे समय से खाली हैं. जिससे एक ही एएनएम को कई सेंटरों का काम देखना पड़ रहा है. इससे राज्य में एएनएम की कमी की स्थिति सामने आ रही है. लगभग तीस प्रतिशत एएनएम सेंटरों पर ताले लगने की नौबत आ गई है. एक एएनएम के पास बीस से तीस हजार तक की आबादी के टीकाकरण की जिम्मेदारी है.इससे एक गांव का सेंटर बंदकर दूसरे गांव के सेंटर पर टीकाकरण हो रहा है. जिससे महिलाओं व बच्चों का टीकाकरण प्रभावित हो रहा है.
राज्य सरकार ने पिछले चार साल में 38 नए एएनएम सेंटर मंजूर किए थे लेकिन अभी तक इनमे एक भी पद स्वीकृत नहीं हो पाए हैं.
राज्य में एएनएम सेंटरों पर पद स्वीकृत करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज नेगी ने बताया कि चार सालों में कई बार अनुरोध के बाद अभी तक पद स्वीकृत नहीं हो पाए हैं. उन्होंने कहा कि हाल में स्वास्थ्य मंत्री ने पद मंजूर करने का आश्वासन दिया है.