इन कारणों के चलते कई हिस्सों में बनें बाढ़ के हालात, केदारनाथ में तबाही का भी यही था जिम्मेदार

पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है, हर तरफ से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो काफी भयावह हैं. इस तबाही का कारण दो चीजों को माना जा रहा है, पहला मानसूनी हवाओं और दूसरा पश्चिमी विक्षोभ में होने वाला बदलाव… इन दोनों के चलते ही देशभर में पानी से तबाही मच रही है. केदारनाथ में साल 2013 में आई आपदा का कारण भी इसी को बताया गया.

एक्सपर्ट्स ने भी इसे लेकर चेतावनी दी है. जिसमें कहा गया है कि लगातार मौसम चेंज हो रहा है और धरती गर्म हो रही है. जिससे दुनियाभर में तय सीमा से अधिक बारिश और बाढ़ की हालत बन सकती है.

हालांकि उत्तर भारत में हुई इस बारिश से मानसून की कमी भी दूर हुई है. खासतौर पर पिछले दो दिनों में पूरे उत्तर भारत में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला. बंगाल की खाड़ी से तेज हवाएं उत्तर की तरफ पहुंच रही थीं. मानसूनी हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ में होने वाले बदलाव के चलते तेज बारिश की स्थिति देखी गई.

मौसम विभाग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक जुलाई महीने के पहले आठ दिनों में हुई बारिश ने देशभर में बारिश की कमी की भरपाई की. मानसून के मौसम में अभी तक कुल 243.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से दो प्रतिशत अधिक है.

मौसम विभाग के अनुसार बारिश ने दिल्ली में 20 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक 126.1 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की. उन्होंने बताया कि बारिश का यह आंकड़ा 10 जुलाई 2003 के बाद सबसे ज्यादा है और तब 24 घंटों के दौरान 133.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी.

मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के ऊपर बना हुआ है, जबकि मानसून अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण की ओर फैल गया है. साथ ही, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती स्थिति बनी हुई है. आईएमडी ने दो दिन पहले हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बहुत ज्यादा बारिश होने की चेतावनी दी थी. इसके अलावा जम्मू कश्मीर के छिटपुट स्थानों, और पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, और पंजाब में भी भारी बारिश का अनुमान लगाया गया था. आईएमडी ने कहा कि 11 जुलाई से क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना नहीं है.


मौसम विभाग के मुताबिक 15 मिलीमीटर से कम बारिश हल्की, 15 मिलीमीटर से 64.5 मिलीमीटर वर्षा मध्यम, 64.5 मिलीमीटर से 115.5 भारी और 115.5 से 204.4 मिलीमीटर अत्यधिक बारिश समझी जाती है. दिल्ली में जुलाई में अब तक 137 मिलीमीटर बारिश हुई है . औसत के हिसाब से शहर में पूरे महीने में 209.7 मिलीमीटर बारिश होती है.



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