सिलक्यारा सुरंग में जमे पानी को निकालने के लिए ड्रिफ्ट तैयार की जाएगी, जो सुरंग में आए भूस्खलन के मलबे के बीच से निकलेगी। पहले ऑगर मशीन से अंदर डाले गए पाइपों के माध्यम से पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन इसे असुरक्षित मानकर अब ड्रिफ्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया है।
यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद सुरंग के सिलक्यारा वाले छोर से निर्माण कार्य ठप है, जिसके चलते सिलक्यारा छोर से निर्माण कार्य शुरू करने के लिए सुरंग के अंदर रिसाव से जमा पानी निकालना (डी-वाटरिंग) के साथ भूस्खलन का मलबा हटाया जाना जरूरी है। इस हादसे के बाद गत 16 फरवरी को पहली बार एसडीआरएफ के जवान, सीनियर व जूनियर इंजीनियर सहित कुल 10 लोग ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर गए थे।
एनएचआईडीसीएल के नए एमडी डॉ. कृष्ण कुमार ने सहयोगी निदेशक रितेन सिंह के साथ सिलक्यारा सुरंग की स्थिति का मूल्यांकन किया।अब खबर यह है कि यहां ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर जाकर पानी निकालने का काम नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके स्थान पर भूस्खलन के मलबे के बीच से ड्रिफ्ट तैयार की जाएगी। जिससे पानी निकालने के काम को संपादित किया जाएगा। यह कार्य 15 मार्च को प्रारंभ होने की उम्मीद है।