इस वर्ष 15 जून को कैंची मेले में रिकॉर्ड संख्या में भक्तों के पहुंचने की संभावना है, जिससे अधिकारियों के सामने मेले के सफल संचालन को लेकर कई महत्वपूर्ण चुनौतियां होंगी। बाबा नीब करौरी आश्रम की स्थापना के बाद से हर साल 15 जून को यहाँ स्थापना दिवस मनाया जाता है, जो अब एक भव्य मेले का रूप ले चुका है। समय के साथ यह मेला और भी विशाल होता गया है।
वर्तमान में हर रोज दस से पंद्रह हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए यहाँ आ रहे हैं, जिससे वाहनों का भारी दबाव बढ़ गया है और जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। 15 जून को व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से संचालन हो सकेगा या नहीं, यह प्रशासन और पुलिस द्वारा तैयार किए गए योजनाओं की सफलता पर निर्भर करेगा।
इस बार मेले में यदि किसी श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ती है, तो पहले स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। उसके बाद, अगर स्थिति गंभीर होती है, तो हायर सेंटर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग से हेली सेवा की मांग की गई है। साथ ही, पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से की जाएगी।
सोमवार को नैनीताल क्लब में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि हेली सेवा का उपयोग केवल गंभीर स्थितियों में ही किया जाएगा। इसके अलावा, भवाली और गरमपानी से शटल सेवा के लिए लगभग 100 से अधिक बसों और 500 छोटे वाहनों की व्यवस्था की गई है। भवाली की पार्किंग फुल होने की स्थिति में भीमताल और हल्द्वानी से शटल सेवा चलाई जाएगी।