उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही का मंजर, कर्णप्रयाग-ग्वालदम नेशनल हाईवे के कुछ हिस्से पिंडर नदी बहे

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चमोली| उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बारिश के कारण कर्णप्रयाग-ग्वालदम नेशनल हाईवे के कुछ हिस्से पिंडर नदी में बह गए, जो इन दिनों काफी उफान पर है. अधिकारियों ने शनिवार यह जानकारी देते हुए बताया कि इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई यात्री फंसे हुए हैं.

पिंडर नदी के तेज़ बहाव के कारण सड़क के निचले हिस्सों की मिट्टी लगातार कट रही है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को रात भर हुई बारिश के कारण पिंडर नदी की सहायक धारा प्राणमति में 13 अगस्त जैसे बाढ़ के हालात फिर बन गए हैं. नदी में आई इस ताजी बाढ़ से पिंडर के दोनों तटों के आसपास के खेत भी मलबे से पट गए हैं. इससे पहले 13 अगस्त की बाढ़ के बाद नदी तट के आसपास के मकानों को खतरे के मद्देनजर खाली कराया गया था.

उन्होंने बताया कि सोल घाटी से प्रवाहित होने वाली प्राणमति नदी में बीती देर रात पानी और मलबे का वेग इतना बढ़ गया था कि इसने कुछ देर के लिए पिंडर नदी के बहाव को भी रोक दिया. उन्होंने बताया कि प्राणमति और पिंडर के संगम पर कुछ देर के लिए झील जैसे हालात उत्पन्न हो गए.

उधर चमोली जिला प्रशासन के मुताबिक, मलबा हटाने और सड़क दोबारा खोलने की कोशिशें जारी हैं. अधिकारियों के मुताबिक, इससे पहले टिहरी गढ़वाल जिले के तोताघाटी क्षेत्र में पहाड़ से भारी भूस्खलन के बाद ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी.

इस मॉनसून में उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ गई है. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था और ऋषिकेश में गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर की समीक्षा भी की थी. मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बारिश जनित घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित स्थानों पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है.

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