प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों के लिए केदारनाथ ट्रेक और केदार घाटी में विशेष सुविधाओं के निर्माण और विकास पर जोर दिया है. इसके तहत केदार घाटी में स्थित केदारनाथ मंदिर के पीछे एक शिव उद्यान (उद्यान) का निर्माण होगा, जो तीर्थयात्रियों को दिव्यता का एहसास कराएगा.
तीर्थयात्रियों के ध्यान और विश्राम के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक ट्रेक पर चार चिंतन स्थलों का निर्माण होगा. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय 2023 में शुरू होने वाली इन परियोजनाओं को 8 महीने में संपन्न करेगा. इस पर 118 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
गौरीकुंड से केदारनाथ तक 18 किलोमीटर के रास्ते में पड़ने वाले रामबाड़ा, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली और चन्नी कैंप जैसे दर्शनीय जगहों पर चिंतन स्थलों का निर्माण होगा. शिव उद्यान में तीर्थयात्रियों के लिए एक बड़ा रंगभूमि-शैली का बैठने का स्थान, हरित क्षेत्र और इसके चारों ओर एक रिटेनिंग वॉल होगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि इसके पीछे का विचार तीर्थयात्रियों को पूर्ण आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना और केदारनाथ मंदिर में उनकी यात्रा को अधिक आरामदायक और समृद्ध बनाना है.
चार चिंतन स्थलों में तीर्थयात्रियों के लिए ध्यान संगीत बजाया जाएगा और साथ ही उनके आराम करने और स्वास्थ्यलाभ के स्थान भी होंगे. यहां की दीवारों में लगी डिस्प्ले एलईडी में केदारनाथ मंदिर के दृश्य होंगे.
अभी गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर के रास्ते में आवास और विश्राम के लिए ज्यादातर निजी सुविधाएं हैं. केदारनाथ में अब आने वाले भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए अधिक तीर्थयात्री सुविधाओं के निर्माण के लिए अधिकारियों से पीएम के आग्रह के बीच ये कदम भी उठाए गए हैं. इस साल रिकॉर्ड 14 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने केदारनाथ की यात्रा की.
आदि गुरु शंकराचार्य की पुनर्निर्मित समाधि पर जाने वाले तीर्थयात्रियों में भी बड़ी वृद्धि हुई है, जिसका उद्घाटन पिछले साल पीएम ने केदारनाथ में किया था. समाधि स्थल में शंकराचार्य की 12 फुट की मूर्ति स्थापित की गई है. अब शिव उद्यान केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नया आकर्षण होगा.
अपने हालिया दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच 9.7 किलोमीटर लंबी रोपवे केबल कार सेवा की आधारशिला भी रखी थी, जो वर्तमान में दोनों स्थानों के बीच यात्रा के समय को 6-7 घंटे से घटाकर केवल लगभग 30 मिनट कर देगी. कई तीर्थयात्री केदारनाथ की यात्रा करते हैं, हालांकि तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है.