उत्तरकाशी| सीमांत जनपद उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन में अभी तक 7 शव बरामद कर लिए गए हैं. डीजीपी के मुताबिक अभी तक 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया है. अभी तक 25 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बचाव और राहत कार्यों के लिए IAF ने 2 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, अन्य सभी हेलीकॉप्टरों के बेड़े को किसी भी अन्य आवश्यकता के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है.
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम निम के बेस कैंप पर पहुंच चुकी है. एयरफोर्स के चॉपर ने सरसावा से टेक ऑफ कर लिया है. इसके अलावा प्राइवेट चॉपर भी सहस्त्रधारा हेलीपैड से उड़ान भर चुके हैं. एयरफोर्स का चॉपर पूरी रेकी करने के बाद बड़े स्तर पर रेस्क्यू कार्य में मदद करेगा.
वहीं, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य अमित बिष्ट ने बताया कि निम के 40 प्रशिक्षुओं का दल द्रोपदी का डंडा-2 पर गए थे. फंसे लोगों को निकालने के लिए निम रेस्क्यू अभियान चला रहा है. घटनास्थल पर निम के पास दो सेटालाईट फोन मौजूद हैं. रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है.
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए वायु सेना की मदद मांगी है. जिस पर राजनाथ ने मदद का आश्वासन दिया है.
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार, 14 सितंबर 2022 से निम में एडवांस पर्वतारोहण पाठ्यक्रम शुरू हुआ था. पाठ्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुसार, निम और तेखला रॉक क्लाइम्बिंग प्रशिक्षण क्षेत्र में रॉक-क्लाइम्बिंग प्रशिक्षण में संशोधन के बाद, 23 सितंबर 2022 को 7 ट्रेनर्स, 34 ट्रेनी और एक नर्सिंग सहायक के साथ पहाड़ पर ट्रेनिंग शुरू की गई. 25 सितंबर को सभी बेस कैंप पहुंचे.
इस कोर्स में आइस एंड स्नो क्राफ्ट की ट्रेनिंग थी. प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुसार शिविर-1 में हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग के लिए कोर्स 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर 2022 तक निर्धारित किया गया था. 4 अक्टूबर 2022 को प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुसार ट्रेनिंग के लिए सभी लोग सुबह 4 बजे माउंट द्रौपदी का डंडा में गये. पर्वत शिखर से वापस लौटते समय 34 प्रशिक्षु और 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षक सुबह 8:45 पर हिमस्खलन की चपेट में आ गए.