देहरादून| नैनीताल जिले में हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में उस वक्त महाभारत का ‘रणक्षेत्र बन गया, जब नगर निगम अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रहा था. हिंसा की आग इतनी भयावह थी कि पूरा शहर जल उठा. इस हिंसा में अब तक 6 लोगों के मारे जाने की खबर है, मगर प्रशासन ने अब तक 4 मौत की पुष्टि की है. हालात, ये हैं कि हल्द्वानी में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी हो चुका है. इस हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग घायल हैं और पुलिस स्थिति को कंट्रोल करने में जुटी है. फिलहाल, पूरे इलाके में तनाव का माहौल है.
दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को नगर निगम ने ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया. इस एक्शन का रिएक्शन ऐसा हुआ कि पूरे इलाके में हिंसक स्थिति पैदा हो गई. माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि तुरंत कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए. पुलिस की मानें तो घटना में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं. घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम (अनुमंडलाधिकारी) भी शामिल हैं. इसने कहा कि शहर के बनभूलपुरा इलाके में हिंसा के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 100 से अधिक लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी हैं, जो एक स्थानीय मदरसे की विध्वंस कार्रवाई में शामिल थे.
अभी क्या हैं हालात
फिलहाल, हालात ये हैं कि हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं हैं. कर्फ्यू लगने के बाद शहर और आसपास कक्षा 1-12 तक के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की तथा अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए. इलाके में भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती है. कुल मिलाकर इलाके में पूरी तरह से लॉकडाउन वाले हालात हैं. केवल जरूरी कार्यों को ही करने की छूट है.
क्यों और कैसे फैली हिंसा
दरअसल, बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे एवं मस्जिद को नगर निगम की टीम ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. इस बुलडोजर एक्शन के दौरान घटनास्थल पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. जैसे ही मस्जिद और मदरसे को जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए. उन्होंने बैरिकेड तोड़ना शुरू कर दिया और बुलडोजर एक्शन में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करना शुरू कर दिया. जैसे ही एक बुलडोजर ने मदरसे और मस्जिद को ढहाया, भीड़ ने पुलिसकर्मियों, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव किया, जिसमें 60 से अधिक लोग घायल हो गए.
पुलिस और भीड़ में जमकर संग्राम
इसके बाद हल्द्वानी का बनभूलपुरा इलाका महाभारत का रणक्षेत्र बन गया. एक ओर एक्शन के खिलाफ गुस्साई भीड़ थी और दूसरी ओर पुलिस बल. इस मौके का फायदा उठाते हुए अराजक तत्वों ने जमकर बवाल काटा. अराजक तत्वों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर हल्का बल प्रयोग किया. भीड़ द्वारा पुलिस गश्ती कार सहित कई वाहनों को आग लगाने से तनाव बढ़ गया. देर शाम तक तनाव और बढ़ गया और बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई, जिससे कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया. इस दौरान गोलीबारी भी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए. भले ही प्रशासन ने 60 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है, मगर बताया जा रहा है कि 300 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें सबसे अधिक पुलिसवाले हैं.
किसके आदेश पर एक्शन, अवैध थी मस्जिद?
जब मदरसा और मस्जिद पर बुलडोजर चल रहा था, तब नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा की अगुवाई में भारी पुलिस बल तैनात रहा. अधिकारी मीणा ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अदालत के आदेश के अनुपालन में की गई है. नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्त किया गया मदरसा तथा नमाज स्थल पूरी तरह से अवैध है. उन्होंने बताया कि इस स्थल के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पूर्व में ही कब्जा ले लिया था और अवैध मदरसे एवं नमाज स्थल को सील कर दिया था, जिसे आज ध्वस्त किया गया है.
सीएम धामी ने संभाला मोर्चा
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों तथा कार्मिकों पर हुए हमले एवं क्षेत्र में अशान्ति फैलाने की घटना को गम्भीरता से लेते हुए अधिकारियों को शान्ति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिये. देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए.
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
हल्द्वानी में हिंसा के बीच उत्तराखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को हल्द्वानी में मस्जिद और मदरसे को ढहाए जाने से रोकने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य द्वारा दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं को हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई है. हालांकि, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अवकाशकालीन पीठ द्वारा मामले में कोई राहत नहीं दी गई, जिसके बाद विध्वंस की कार्रवाई शुरू हुई. अब इस मामले की सुनवाई 14 फरवरी को होगी.
पढ़ें हल्द्वानी में किस समय क्या हुआ
3:00 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए बनभूलपुरा थाने के पास टीमें जुटने लगी.
4: 23 बजे टीम पुलिस फोर्स के साथ रवाना हुई.
4: 30 बजे टीम मलिक के बगीचे में पहुंची.
4: 40 बजे लोग अतिक्रमण स्थल पर जुटने लगे.
4: 42 पर लोगों ने विरोध शुरू किया.
4: 44 पर लोगों ने पुलिस द्वारा लगाई बैरिकेटिंग हटाना शुरू कर दिया.
4: 51 पर अराजक तत्त्वों ने जेसीबी रोकी.
4: 55 पर हंगामा शुरू हुआ और पत्थर बाजी हुई.
5: 17 बजे अतिक्रमण तोड़न की कार्रवाई शरू की.
5: 20 पर लोगों ने जेसीबी तोड़ी.
5: 24 पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आसू गैस के गोले दागे.
5: 35 पर उपद्रवियों ने वाहनों में आग लगाई.
5: 54 पर पुलिसकर्मी घायल हुए.
6: 30 बजे उपद्रवियों ने थाना फूंका.
7:00 बजे घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल भेजा.
7:30 पर सीएम ने बैठकर कर उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए.
7:48 पर शहर में कर्फ्यू का आदेश जारी हुआ.
7:55 पर उधमसिंह नगर से और फोर्स हल्द्वानी पहुंची.