राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने महत्वाकांक्षी सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य मंदिर तक यात्रा के समय को आठ घंटे से कम करके 25 मिनट करना है.
इसके अलावा, बोर्ड ने रामबाड़ा से केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी तक 5 किलोमीटर के ट्रेक मार्ग के निर्माण को भी मंजूरी दी है. सोनप्रयाग से, जहां रोपवे शुरू होगा, वहां से केदारनाथ तक, लगभग 18 किमी की दूरी पैदल या खच्चरों से तय करने में भी लगभग आठ घंटे लगते हैं क्योंकि वर्तमान में वहां कोई मोटर वाहन जाने योग्य सड़क नहीं है.
हर साल केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कुछ समय पहले सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था. इसी साल जून में राज्य वन्यजीव बोर्ड द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया था और इसकी मंजूरी के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को स्थानांतरित कर दिया गया था.
12 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना पर 1,268 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. परियोजना के लिए राज्य सरकार को 26.43 हेक्टेयर वन भूमि का हस्तांतरण आवश्यक है.
अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित परियोजना के लिए 22 टावर स्थापित किए जाने हैं, जिसमें गौरीकुंड, चीरबासा, लिनचोली और केदारनाथ में चार स्टेशन होंगे। पुराने ट्रेक रूट पर 0.983 हेक्टेयर वन भूमि राज्य को हस्तांतरित करनी होगी.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दीपावली से पहले 21 अक्टूबर को बदरीनाथ एवं केदारनाथ के दर्शन के लिए आने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि मोदी मंदिर में प्रार्थना करेंगे और वहां जारी पुनर्निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे.
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री पहले केदारनाथ में पूजा करेंगे और वहां जारी कार्यों की समीक्षा करेंगे. उन्होंने बताया कि इसके बाद वह बदरीनाथ मंदिर के दर्शन करेंगे और बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत चलाई जा रही परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे.