मंगलवार सुबह रुड़की में ईंट भट्टे की दीवार गिरने से छह मजदूर मलबे में जिंदा दफन हो गए। हादसा होते ही वहां चीख पुकार मच गई। मृतकों के परिजनों और ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा किया। साथ ही ग्रामीणों ने शव लेने से भी इंकार कर दिया है।
हादसा देखते ही मौके पर आस-पास के थानों और कोतवाली का फोर्स बुलाया गया। वहीं जिलाधिकारी और एसएसपी की ओर से ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया गया। लेकिन ग्रामीण की 10 से 15 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग पर अड़े रहे।करीब एक घंटे हंगामे के बाद मुआवजे की मांग पूरी होने पर ग्रामीणों ने शव उठने दिए।
मृतकों के परिजनों को ईंट भट्ठा मालिक की ओर से साढ़े तीन-तीन लाख और मुख्यमंत्री की ओर से ढाई-ढाई लाख की धनराशि मुआवजे के रूप में देने की घोषणा की गई है। इसके बाद पुलिस ने पांचों शवों को पोस्टमार्टम के लिए रुड़की सिविल अस्पताल भेज दिया।
मौके पे पहुंचे एसएसपी और डीएम ने भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और ग्रामीणों से बात की। एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि दस मजदूर घायल हैं। उनका इलाज चल रहा है।