उत्तराखंड की सरकार राज्य के प्रमुख बाजारों का कायाकल्प करने की योजना बना रही है। इसके तहत एक नई रि-डेवलपमेंट नीति तैयार की जा रही है, जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। इस नीति के अनुमोदन के बाद, पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड के माध्यम से इन बाजारों का पुनर्विकास किया जाएगा, जिससे उनकी संरचना और सुविधाओं में सुधार होगा।
देहरादून और प्रदेश के अन्य शहरों में कई पुराने बाजार हैं, जहां की सड़कें संकीर्ण हैं और वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध है। पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण, कई बार दुकानों से दूर वाहन पार्क करना पड़ता है और फिर पैदल चलना पड़ता है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, अब इन बाजारों को पूरी तरह से नया रूप दिया जाएगा।
इस योजना के तहत इन बाजारों का पुनर्विकास निजी सहभागिता के माध्यम से किया जाएगा। जहां एक या दो मंजिला दुकानें हैं, वहां पार्किंग की सुविधा के साथ आधुनिक कांप्लेक्स बनाए जाएंगे। इससे बाजारों की सुंदरता में सुधार होगा और शॉपिंग अनुभव को और अधिक आरामदायक बनाया जाएगा।
ये फायदा होगा
-बाजारों में भीड़ नियंत्रण आसान होगा। व्यापारियों को भी बेहतर स्पेस मिल सकेगा।
-वाहनों की पार्किंग की सुविधा मिलेगी। सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ेगी।
-ग्राहक और व्यापारियों को बाजारों में मूलभूत व अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
-कई बाजारों में शौचालय जैसी सुविधा भी नहीं है, जो नए बाजारों में मिलेगी।