स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में ज्यादातर 20 से लेकर 40 साल तक के लोग ज्यादा आ रहे हैं. ऐसा युवाओं के ज्यादा बाहर निकलने और कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी की वजह से है.
एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का मानना है कि 20 से लेकर 40 साल की उम्र के लोगों का एक्सपोजर कुछ ज्यादा ही रहता है. इसकी वजह से इस आयु वर्ग वाले लोगों में कोरोना संक्रमण की दर अधिक देखने को मिल रही है.
वहीं कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट के अनुसार 20 से लेकर 40 साल की उम्र के लोग नौकरियों की वजह या फिर घरेलू कामों की वजह से घर से बाहर ज्यादा निकलते हैं. ऐसे में उनके कोरोना संक्रमित होने का खतरा कुछ ज्यादा ही है.
कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट के अनुसार कोरोना टीकाकरण की वजह से लाखों लोगों की जिंदगी को बचाया जा सका है. इस बार कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बावजूद कई मरीजों में बीमारी का लक्षण तक नहीं दिखाई दे रहे हैं.
कोरोना संक्रमित होने पर बीमारी का लक्षण उन्हीं लोगों में दिखाई दे रहा है जिन्होंने कोरोना टीके की पहली व दूसरी डोज नहीं लगवायी है. जिन लोगों ने दोनों डोज लगवा ली हैं उन्हें संक्रमण तो हो रहा है, लेकिन लक्षण भी नहीं दिखाई दे रहे हैं.