बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अंतिम पूजा में 10,000 तीर्थ यात्रियों ने किया प्रतिभाग

बद्रीनाथ धाम के कपाट शनिवार को अपराहन 3 बजकर 35 मिनट पर विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस मौके पर करीब 10000 तीर्थ यात्रियों ने अंतिम पूजा में प्रतिभाग किया.

अंतिम दिन सेना के मधुर बैंड की धुनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे. कपाट बंद होने के बाद कुबेर और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति डोली बामणी गांव के लिए रवाना हुई.

इस मौके पर ज्योतिर्माठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज और बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद रहे. इस वर्ष 17 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए, जो अब तक का रिकॉर्ड है.

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया गया.

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