उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर को एक निर्माणाधीन सुरंग ढहने से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए ड्रिलिंग का काम आज फिर शुरू हो गया है. मलबे ने सिल्क्यारा से बारकोट सुरंग को सिल्क्यारा की तरफ 60 मीटर की दूरी पर अवरुद्ध कर दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान को लेकर बात की. उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली. पीएम मोदी ने टनल के अंदर फंसे मजदूरों का हाल और उन्हें दिए जाने वाले भोजन और रोजमर्रा की चीजों के बारे में भी जानकारी ली. राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मियों की स्थिति और सुरक्षा के बारे में भी जानकारी ली गई.
इसमें फंसे मजदूरों के बचाव के लिए ड्रिलिंग के जरिए सुरंग के अंदर 44 मीटर पाइप लगाने के बाद आज कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी बचाव अभियान की निगरानी के लिए रात भर घटनास्थल पर रहे. ड्रिलिंग का काम शुक्रवार सुबह फिर से शुरू हो गया है.
अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि बचाव टीम फंसे लोगों को वापस लाने के लिए रास्ता खोजने ने से केवल कुछ मीटर दूर है. उन्होंने कहा कि सभी लोग सुरक्षित हैं. ड्रिलिंग मशीन तीन बार खराब हो चुकी है. उत्तराखंड के चार धाम मार्ग में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर को विभिन्न एजेंसियों ने बचाव अभियान शुरू किया. एक अधिकारी के मुताबिक जिस प्लेटफॉर्म पर 25 टन की ड्रिलिंग मशीन लगी हुई है, उसे स्थिर करने के लिए गुरुवार को ड्रिलिंग रोक दी गई. वहां कुछ दरारें दिखाई दीं, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई.
इस बाधा से पहले अधिकारी ड्रिलिंग के दौरान कोई और बाधा उत्पन्न नहीं होने पर बचाव ऑपरेशन जल्द खत्म होने की संभावना देख रहे थे क्योंकि अब फंसे मजदूरों से दूरी केवल 10 से 12 मीटर ही बची है. दिल्ली में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि उम्मीद है कि कल ( शुक्रवार ) तक हम इस ऑपरेशन में सफल हो जाएंगे. हालांकि उन्होंने आशंका जताई कि इसमें और भी बाधाएं आ सकती हैं.