पहाड़ के निवासियों की भावनाओं में गहराई होती है। विशेष रूप से कुमाऊं के लोगों का भावनात्मक जुड़ाव एक अलग तरह का होता है, जिससे यहां के लोग सीमाओं को नजरअंदाज नहीं करते। पहाड़ की इसी महक को ध्यान में रखते हुए मोदी ने मंगलवार को रुद्रपुर में हुई चुनावी रैली में भावनात्मक तरीके से वोटरों को प्रेरित किया।
पूरे कुमाऊं से भरी हुई जनसभा में, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 35 मिनट के संबोधन में हर शब्द में भावना को महसूस कराया। हर वाक्य ने उत्तराखंड के साथ गहरा संबंध जताया, स्नेह और सम्मान की भावना से सजी थी। रैली के भाषण की शुरुआत मां नंदादेवी के जयकार से होकर लेकर कुमाऊंनी भाषा में लोगों से संवाद किया प्रदेश के विकास से लेकर भ्रष्टाचार तक, सभी मुद्दों पर जनता के साथ गहरा संवाद किया।
रैली में आए लोगों के लिए पंडाल की संगठना में कमी के लिए मोदी ने माफी मांगी, जिससे पंडाल में उनके समर्थन के नारे गूंजे। मोदी ने एक मिनट के लिए अपना भाषण रोकना पड़ा, पूरी रैली में भावनात्मक रूप से उत्तराखंड से अपने संबंध को और मजबूत किया।