उत्तराखण्ड के लोक पर्व फूलदेई के अवसर पर गुरूवार को भराड़ीसैंण स्थित मुख्यमंत्री आवास में क्षेत्र के बच्चों ने पारम्परिक मांगल गीतों के साथ रंग-बिरंगे प्राकृतिक पुष्पों की वर्षा की.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी को इस पावन पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है. हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लागातार प्रयास करने होंगे.
सीएम ने कहा कि बच्चों को अपनी लोक संस्कृति और लोक पंरपराओं से जोड़े रखने के लिए लोक पर्व फूलदेई को आने वाले समय में संस्थागत तरीके से बाल पर्व के रूप में वृहद स्तर पर प्रति वर्ष मनाया जाएगा.
सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है.
‘‘फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार. यानी यह देहरी फूलों से सजी रहे. घर खुशियों से भरा हो. सबकी रक्षा हो. अन्न के भंडार सदैव भरे रहे. उत्तराखंड में इसे फूल संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है.
इस दिन घरों की देहरी को फूलों से सजाया जाता है. घर-मंदिर की चौखट का तिलक करते हुए ’फूलदेई छम्मा देई’ कहकर मंगल कामना की जाती है.’’
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित थे.