रक्षाबंधन त्योहार पर अरसा की मिठास इस बार मिठाइयों पर भारी पड़ेगी। बाजार में अरसा मिठाइयों का बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है। यह न केवल एक मिठाई है बल्कि पहाड़ी इलाकों में इसे हर शुभ कार्य में भी बनाया जाता है।मिठाइयों में मिलावट और महंगाई के चलते ग्राहकों में अरसा की मांग बढ़ी है। यही वजह है कि शहर के कई दुकानदारों ने अरसा बनाने वाले महिलाओं के एक समूह को रक्षाबंधन के लिए बड़ी मात्रा में अरसा बनाने की डिमांड भेजी है।
रक्षाबंधन त्योहार पर मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। लेकिन मिठाइयों में मिलावट सेहत पर भारी पड़ती है। शहर की अधिकांश मिठाई की दुकानों में पहाड़ी मिठाई अरसा की लगातार मांग बढ़ रही है।अरसा बनाने वाली भजनगढ़ निवासी मधु असवाल ने बताया कि अब तक उनके पास करीब दो कुंतल अरसा की डिमांड आ चुकी है। इससे पहले कभी इतनी बड़ी मात्रा में डिमांड नहीं आई थी। डिमांड लगातार बढ़ रही है। वह उतनी ही डिमांड ले रही हैं जितना वह बना सकती हैं।
मधु ने बताया कि अरसा अन्य मिठाइयों की तुलना में किफायती है। अच्छी मिठाइयां 400 से 900 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं। उनमें शुद्धता की गारंटी भी नहीं है। जबकि अरसा 260 रुपये प्रति किलो और शुद्ध है। अरसा घर में आसानी से बन जाता है और किसी प्रकार के केमिकल प्रयोग भी नहीं होता है। मधु ने कहा कि अरसा महंगी मिठाइयों को विकल्प बन कर उभरा है