उत्तराखंड में अब शहरों में किसी भी बड़े आवासीय या व्यावसायिक परियोजना के निर्माण से पहले, उसके यातायात पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा। आवास विभाग इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर रहा है।
परियोजना का नक्शा तब तक प्राधिकरणों से स्वीकृत नहीं होगा जब तक कि ट्रैफिक इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट संतोषजनक न हो। अगर रिपोर्ट में कोई कमी पाई जाती है, तो नक्शा भी स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
शहरों में तेजी से उभरते मॉल और आवासीय परियोजनाएं यातायात की गंभीर समस्याएं पैदा कर रही हैं। कई बार ये प्रोजेक्ट्स उन सड़कों पर बनाए जाते हैं, जहां पहले से ही ट्रैफिक का भारी दबाव होता है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ जाती है।
इसके अलावा कई स्थानों पर स्कूलों के आसपास इन परियोजनाओं का निर्माण होने से छात्रों और अभिभावकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस तरह की निर्माण गतिविधियों से आम जनता को भारी असुविधा होती है, जिससे उनका दैनिक जीवन प्रभावित होता है।