शुक्रवार को उत्तराखंड के कोटद्वार की एक अदालत ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में एक और गवाह के बयान दर्ज किए. कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत में दो गवाहों के बयान दर्ज होने थे, लेकिन अंकिता का दोस्त बताया जा रहा पुष्पदीप गवाही देने के लिए अदालत नहीं पहुंचा.
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने बताया कि विशेष जांच दल में तकनीकी सहायक के रूप में कार्यरत उपनिरीक्षक ओमप्रकाश भूषण ने अपनी गवाही में अदालत को बताया कि अंकिता और आरोपियों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर और आईपीआरडी की गहनता से जांच के बाद पाया गया कि 18 सितंबर 2022 को रात साढ़े नौ बजे तक वह आरोपियों के साथ थी, जिस दिन उसकी मौत हुई थी.
अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, मोबाइल के आईपीआरडी के विश्लेषण से पता चला कि अंकिता और आरोपियों के मोबाइल की लोकेशन शाम के समय पहले गंगा भोगपुर टावर, उसके बाद एम्स टावर और फिर एम्स और गंगा भोगपुर के बीच पशुलोक टावर में एक साथ पाई गई.
उन्होंने बताया कि इसके बाद रात साढ़े दस बजे आरोपियों के मोबाइलों की लोकेशन गंगा भोगपुर टावर पर तथा मृतका के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन लगभग साढ़े नौ बजे के आसपास पशुलोक टावर की पाई गयी.
वकील जितेंद्र रावत ने कहा, मोबाइल की लोकेशन से स्पष्ट होता है कि वह आरोपियों के साथ एम्स तक गई लेकिन वापसी में उनके साथ पशुलोक वाले टावर तक ही आई. इस मामले में गवाही के लिए अगली तारीख 17 जुलाई निर्धारित की गई है.
आपको बता दें कि पौडी जिले के यमकेश्वर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शिनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर तथा अंकित गुप्ता के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी.