उत्‍तराखंड

अब आप आ रहे नैनीताल घूमने तो जेब पर पड़ेगा ज्यादा असर, चुकाना होगा नया टैक्स

नैनीताल

नैनीताल| अगर आप भी नैनीताल घूमने के लिए आ रहे हैं तो अब आपकी जेब पर और ज्‍यादा असर पड़ सकता है. यहां आपको एक नया टैक्‍स चुकाना पड़ेगा. इस कर को चुकाए बिना आप नैनीताल में घूमना तो छोड़‍िए, घुस तक नहीं पाएंगे. जी हां, आपने सही सुना. भूटान दुनिया भर के सैलानियों पर अपने देश में आने के लिये ईको टैक्स लेता है. ऐसा ही टैक्स अब उत्तराखंड के नैनीताल में भी लगाने की तैयारी है. इसका असर देश दुनिया के पर्यटकों पर तो पड़ेगा ही, लेकिन स्थानीय लोग भी इस टैक्स से चिंता में हैं.

दरअसल, नैनीताल में जल्द ही अब सैलानियों पर इको टैक्सी लगाने की तैयारी है. पालिका बोर्ड ने इसके लिये बाकायदा निर्यण ले लिया है. लेक बृज चुंगी के साथ कालाढूंगी सड़क यानि बारापत्थर पर यह टैक्स लगेगा. इसका असर शहर में आने वाले सैलानियों और ग्रामीणों पर पड़ेगा. इसके तहत पर्यटकों को कालाढूंगी से आने पर लेक बृज चुंगी पर 120 रुपये का इको टैक्स लेने की कवायत शुरु कर दी गई है. यह शहर में आने वाली सभी गाड़ियों से अनिवार्य होगा. हालांकि शहर में आने पर लग रहे नए टैक्स का खर्च पर्यावरण पर भी हो, इस पर भी कार्ययोजना बन रही है.

गौरतलब है कि हर साल 12 से 15 लाख टूरिस्ट नैनीताल पहुंचते हैं. इस दौरान शहर में वाहनों की भीड़ से प्रदूषण के साथ पर्यटकों द्वारा कचरा भी जमकर डाला जाता है. बाजार इलाके के साथ ही आसपास जंगलों में भी प्लास्टिक और कचरा फैलने से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. हालांकि पर्यटकों के साथ आसपास के गांव से मंडी आने वाले लोगों पर भी इको टैक्स का असर पड़ेगा. स्थानीय लोग मानते हैं कि जब सीवर और सफाई टैक्‍स वो दे रहे हैं तो उन पर भी ये टैक्स क्यों?

बहरहाल, हाईकोर्ट ने चुंगी खत्म की तो इको टैक्स के बहाने चुंगी को फिर चालू करने की मंशा जरुर है, लेकिन टैक्स अगर इतना ज्यादा हो तो इसका विरोध भी स्थानीय स्तर पर हो सकता है. पालिका को चाहिये की मसूरी की तर्ज पर कम से कम इको टैक्स लगे, ताकि पर्यावरण के नाम पर वसूलने वाले टैक्स को देने में दिक्कत कम हो सके.

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