मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केन्ट रोड स्थित जनता दर्शन हॉल में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत आँचल बद्री गाय घी, पहाड़ी घी, आर्गेनिक घी, पनीर, डेरी ग्रोथ सेंटर एवं दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्रों का ई-लोकार्पण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्चों को दुग्ध उत्पादों से निर्मित पौष्टिक आहार का वितरण किया.
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों की मजबूती के लिए और प्रयास करने होंगे. दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों की ब्रान्डिंग, पैकेजिंग और उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाय. स्थानीय स्तर पर दुग्ध एवं उससे सबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही, लोगों की आय में वृद्धि के लिए क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जाय.
दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन दुग्ध उत्पादों का लोकार्पण किया गया, ये उत्पाद उत्तराखण्ड की विशेष पहचान है. इन उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाय.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का जो आह्वाहन किया है, इस दिशा में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाय. आज देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. आत्मनिर्भर बनने के साथ ही हमें अन्य लोगों को भी अपने साथ स्वरोजगार से जोड़ना होगा. प्रधानमंत्री ने कोविड काल में आत्मनिर्भर भारत हेतु 20 लाख करोड़ रूपये का पैकेज दिया.
उद्यमिता के विकास, कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. यह सुनिश्चित किया जाय कि आम जन तक इन योजनाओं का पूरा लाभ मिले. सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र के साथ कार्य किये जाय. डिजिटल इंडिया की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ा है, उद्यमिता एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल माध्यमों के प्रयोग पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
डेरी विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि दुग्ध उत्पादन स्वरोजगार का बड़ा माध्यम है. दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि घी में अनेक औषधीय एवं आध्यात्मिक गुण हैं. उत्तराखण्ड के बद्री गाय के घी, पहाड़ी एवं आर्गेनिक घी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. दुग्ध उत्पादन और उससे निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. इस अवसर पर देहरादून दुग्ध संघ के अध्यक्ष विजय रमोला, निदेशक डेरी विकास जीवन सिंह नगन्याल एवं विभिन्न जनपदों के दुग्ध संघ के अध्यक्ष थे.