उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कुंभ का आयोजन परंपरा के मुताबिक ही किया जाएगा। इसके लिए सरकार साधु संतों से बातचीत कर रही है, जल्द कुंभ की एसओपी जारी कर दी जाएगी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुंभ का स्वरूप तय करने के लिए कैबिनेट ने उन्हें अधिकृत तो किया है लेकिन फिर भी इसका फैसला सामुहिक रूप से कैबिनेट ही करेगी।
उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन पूरी परंपरा के अनुसार ही होगा, सरकार ने इसके लिए जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। कुंभ आयोजन को लेकर साधु संतों का पूरा सहयोग मिल रहा है, सरकार साधु संतों के लगातार सम्पर्क में है। बातचीत के बाद जल्द ही कुंभ की एसओपी जारी कर दी जाएगी। कुंभ का आयोजन होगा यह बात तय है।
कुंभ में कोरोना से निपटने के लिए मेला स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। जहां मेले के दौरान कोरोना की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पांच घंटे में मिलने की व्यवस्था की जा रही है वहीं मेले में बनने वाले अस्पतालों में पहले से निर्धारित बेडों की संख्या को बढ़ा दिया गया है। शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए मेलाधिकारी स्वास्थ्य डॉ. एएस सेंगर ने बताया कि मेले के दौरान आने वाले ऐसे श्रद्धालु जो अपना कोरोना टेस्ट नहीं करा कर आए होंगे, ऐसे लोगों के लिए मेले की पार्किंग में ही कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है।
जिसकी रिपोर्ट महज पांच घंटे में मिल जाएगी। टेस्टिंग को जल्द से जल्द कराने के लिए कई निजी लैब के साथ करार किया जा चुका है। यह लैब मार्च के पहले सप्ताह से मेला क्षेत्र में अपनी सेवाएं शुरू करेंगी। टेस्टिंग में कोई दिक्कत ना आए इसके लिए मोबाइल वैन्स भी मेला क्षेत्र में लगाई जाएंगी। मेले के दौरान बिना मास्क के क्षेत्र में घूमने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य विभाग निशुल्क मास्क भी उपलब्ध कराएगा। मेला क्षेत्र के विभिन्न अस्थाई अस्पतालों में 613 बेड की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा जल्द ही 2000 बेड का कोविड अस्पताल भी जगजीतपुर क्षेत्र में तैयार हो जाएगा। जिसका सर्वे कराया जा चुका है। मेले के दौरान आने वाले सभी श्रद्धालुओं से मास्क पहनने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की भी अपील की जाएगी। मेले के दौरान मेला स्वास्थ्य विभाग एक इमरजेंसी नंबर भी जारी करेगा जिस पर विशेष तौर पर कोरोना के लक्षण वाले मरीज संपर्क कर आवश्यक चिकित्सा सुविधा ले सकेंगे।
डॉ. सेंगर ने बताया कि कुंभ में अपने प्रदेश के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों से भी चिकित्सक मंगाने की बात चल रही है। कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने भी दूसरे प्रदेशों से अपने चिकित्सक भेजने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है आगामी कुंभ में चिकित्सकों की किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी। इस बार के कुंभ में सीसीसी केंद्रों पर 100 आयुर्वेदिक चिकित्सक भी अपनी सेवाएं देंगे। आई एम ए हरिद्वार ने भी कुंभ में अपने चिकित्सकों द्वारा सेवा देने का आश्वासन दिया है। इसके साथ हरिद्वार के कई निजी अस्पतालों में कुंभ हेतु बेड सुरक्षित रखे जाएंगे।