आभूषण हर महिला के श्रृंगार का अभिन्न हिस्सा है. महिलाएं रूप निखारने के लिए तरह-तरह के आभूषण प्रारम्भ से ही पहनती आई हैं. उत्तराखंड की महिलाओं को अलग पहचान दिलाता और उनका रूप निखारता ऐसा ही एक आभूषण है उत्तराखंडी नथ. ऐसी मान्यता रही है कि परिवार जितना सम्पन्न होगा महिला की नथ उतनी ही भारी और बड़ी होगी.
जैसे-जैसे परिवार में पैसे और धनःधान्य की वृद्धि होती थी नथ का वज़न भी बढ़ता जाता था. हालांकि बदलते वक्त के साथ युवतियों की पसंद भी बदल रही है और भारी नथ की जगह अब स्टाइलिश और छोटी नथ लेती जा रही है.
लगभग दो दशक पहले तक नथ का वज़न तीन तोले से शुरु होकर पांच तोले और कभी कभी 6 तोला तक रहता था. नथ की गोलाई भी 35 से 40 सेमी तक होती थी. इतनी वज़नी नथ पहनने के चलते कुछ महिलाओं की नाक फट तक जाया करती थी.
बदलते वक्त ने उत्तराखंडी नथ का वज़न कम ज़रूर कर दिया है पर इसकी चमक अब भी बरकरार है. आज भी शादी-विवाह और अन्य उत्सवों पर घर की महिलाएं खबसूरत नथ में दिखाई देती हैं.