चमोली| उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का धार्मिक के साथ साथ आर्थिक रूप में सबसे बड़ा महत्व है. इसी यात्रा से गढ़वाल क्षेत्र की आर्थिकी का पहिया भी घूमता है और बड़ा राजस्व राज्य सरकार को मिलता है. जोशीमठ संकट ने बद्री विशाल के द्वार पर संकट की स्थिति पैदा कर दी है, जिस से इस बार की यात्रा को लेकर लोगो के मन में चिंता बन गई है. दरारों की वजह से चारधाम मार्ग प्रभावित हो गया है.
आलम यह कि अब जोशीमठ स्थित सेना के ब्रिगेड हैडक्वाटर में कुछ बैरक में दरारें आ गई हैं और एहतियातन तौर पर सेना ने बैरक को खाली कर दिया है. ऐसे में भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से अलर्ट है. अपने लॉजेस्टक के साथ सेना पूरी तरह से तैयार बैठी है. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने सेना को मदद के लिए अभी नहीं बुलाया है.
चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में संत समाज और तीर्थ पुरोहित यात्रा के भविष्य को लेकर चिंतित है और सरकार से मांग कर रहा है कि जल्द ही वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाए, जिससे 2023 की यात्रा सुचारू हो सके
कब शुरू होती है यात्रा
चार धाम यात्रा का आगाज बसंत पंचमी के दिन राजमहल से बद्रीनाथ धाम के कपातट खुलने की तिथि निकलने के बाद शुरू हो जाता है. ऐसे व्यवस्थाओं के लिये सरकार के पास काफी कम समय रह गया है, जिस पर यात्री श्रद्धालु और संत समाज निगाहें बना कर बैठा है.
वहीं, ताजा जानकारी के अनुसार, जोशीमठ में होटल अपने बगल वाले होटल पर झुक गया है. इससे बगल वाली बिल्डिंग को भी खतरा मंडराने लगा है.हालांकि, त्वरित कार्यवाई करते हुए इसे खाली करा दिया गया है. इससे बगल वाली बिल्डिंग तो कमजोर होगी ही, लेकिन इसके पीछे की जो आबादी है, वो भी खतरे में है. अगर ये होटल गिरता है तो अपने साथ पीछे ये जो रिहायश है, उसमे रहने वाले लोगों को चपेट में ले लेगा.