भूधंसाव के कारण खतरे में माने जाने वाले जोशीमठ शहर में सरकार उन भवनों का वजूद बनाए रखना चाहती है, जिन्हें कुछ जरूरी बदलाव के जरिये टिकाऊ बनाया जा सकता है। इस कवायद को अंजाम देने के लिए एक परामर्श एजेंसी का चयन करने की कवायद शुरू हो गई है।
बता दे कि जोशीमठ के भवनों की रेट्रोफिटिंग से पहले सर्वे कराने के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने परामर्श एजेंसी की खोज के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए प्राधिकरण ने निविदा आमंत्रित कर दी है। 11 अक्तूबर तक निविदा मांगी गई है। इसी तारीख को प्राप्त निविदाओं को खोल दिया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने का कहना इस दिशा में काम हो रहा है।
हाल ही में जारी सीबीआरआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र में 2364 भवनों को नुकसान हुआ है। इनमें से 20 प्रतिशत घरों को अनुपयोगी बताया गया है, जबकि 42 प्रतिशत के और मूल्यांकन की आवश्यकता जताई गई है। 37 प्रतिशत भवनों को उपयोग योग्य और एक प्रतिशत को ध्वस्त करने की आवश्यकता बताई है।जोशीमठ नगर पालिका के नौ वार्डों में स्थित आवासीय और व्यावसायिक भवनों में दरारें हैं। इनमें 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में हैं। इनके अलावा 868 ऐसे भवन हैं जिनमें दरारें हैं।