भारत का पहला यूसीसी बिल उत्तराखंड विधानसभा में मंजूर, जानें महत्वपूर्ण बिंदु

भारतीय स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड 2024 विधानसभा ने देश का पहला समान नागरिक संविधान विधेयक पास किया। बिल की चर्चा में दो दिन तक चली, जिसमें तर्कों और बहसों का गहरा समावेश था, और अंततः बुधवार की शाम को सदन ने बिल को ध्वनिमत कर दिया। विपक्ष ने चर्चा के दौरान बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की सिफारिश की थी, जो खारिज हो गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बिल के पास होने पर समाज में भेदभाव और कुरीतियों के समाप्त होने की सुनिश्चित करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस कानून में संशोधन की भी संभावना है। अब बिल को राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, जहां से इसे मुहर लगाकर राज्य में लागू किया जाएगा। इसके बाद यूसीसी को लागू करने की पूरी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी, जिससे उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा।

भारतीय संविधान में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, और विरासत के मामले में सभी धर्म-समुदायों के लिए एक सामान नागरिक कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड विधानसभा में पहला यूसीसी बिल पारित हो गया है। इसके साथ ही, महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की प्राप्ति के लिए इस बिल में प्रावधान किया गया है, जिससे समाज के सभी वर्गों को समानता की दिशा में बढ़ावा मिल सके।

अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है, लेकिन इसका उद्देश्य है समाज के सभी वर्गों को बाध्य नहीं करना, बल्कि समान अधिकारों की प्राप्ति में सहायक बनना। नेता सदन में विधायकों के द्वारा इसे प्रस्तुत किया गया और मुख्यमंत्री धामी ने इसे देशवासियों के सामने रखकर बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे समाज में समानता और समरसता की भावना बढ़ सके।

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