उत्तराखंड के देहरादून में बीती रात बादल फटने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों के मुताबिक बीती रात तरीब पौने तीन बजे के आसपास एकाएक तेज बारिश हुई जिसमें कई लोग फंस गए.
मौसम की इस मार से सबसे ज्यादा देहरादून जिले में रायपुर ब्लॉक का सरखेट गांव प्रभावित हुआ. जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और फंसे लोगों को निकाला गया. इसके साथ ही बीती रात हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में लैंड स्लाइड की घटना सामने आई. हालांकि इसमें जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
एसडीआरएफ का दावा है कि उसने उन सभी लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल कर ली है जो बादल फटने से आई बाढ़ में फंस गए थे जबकि कई अन्य स्थानीय लोगों ने पास के एक रिसॉर्ट में शरण ली थी.पिछले हफ्ते, पर्वतीय राज्य में भारी बारिश ने धाराओं में वृद्धि की जिससे इमारतों और दुकानों को नुकसान पहुंचा, जबकि पहाड़ियों में भूस्खलन ने राष्ट्रीय राजमार्गों और कई ग्रामीण मोटर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.
राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि खाबलीसेरा गांव में 11 अगस्त की तड़के उत्तरकाशी जिले में आठ दुकानें बह गईं.चमोली जिले के गैरसैंण के निकट अगरचट्टी गांव में रात भर हुई अत्यधिक बारिश से तीन घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. अगरचट्टी में मिट्टी और कीचड़ भी आठ घरों में घुस गया. हालांकि कहीं से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. विभिन्न बिंदुओं पर भूस्खलन के बाद बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के हिमालयी मंदिरों की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग मलबे से अवरुद्ध हो गए.
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) को नारकोटा, ऋषिकेश-यमुनोत्री एनएच को खराडी और डाबरकोट में और ऋषिकेश-गंगोत्री एनएच को रतूडी-सेरा, बंदरकोट और नैताला में अवरुद्ध कर दिया गया था.कैंपावत जिले में टनकपुर-चंपावत-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग और देहरादून जिले में त्युनी-चकराता-टिहरी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर मलबे से अवरुद्ध हो गए.
देहरादून में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी ने आज शनिवार को विकराल रूप धारण कर लिया है. माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव का संपर्क टूट गया है और पुन भी क्षतिग्रस्त है. तेज बारिश से सोंग नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है. वहीं, नैनीताल ज़िले में रामनगर व उसके आसपास के नदी नाले देखते ही देखते विकराल रूप लेने लगा हैं.