इन राज्यों में हुए सबसे ज्यादा पेपर लीक, दांव पर लगा लाखों उम्मीदवारों का भविष्य

नीट यूजी कंट्रोवर्सी ने एक बार फिर से पेपर लीक मुद्दे को हवा दे दी है. ये पहला मामला नहीं है जब पेपर लीक हुआ है या कोई परीक्षा विवादों के घेरे में आयी है. इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसा हो चुका है. बड़ी-बड़ी परीक्षाएं इसकी चपेट में आयीं और कभी एग्जाम कैंसिल हुए तो कभी हाई लेवल की कमेटी जांच के लिए बैठी. मोटी तौर पर कहें तो पिछले सात सालों में 15 राज्यों में 70 के करीब पेपर लीक के मामले सामने आए हैं.

करोड़ों कैंडिडेट्स इसकी चपेट में आ चुके हैं जैसे इस बार का ही उदाहरण लें तो नीट यूजी में 24 लाख बच्चों ने भाग लिया था जो इससे प्रभावित हुए हैं. हालांकि नीट यूजी मामले में अभी कुछ कहना जल्दी होगी क्योंकि जांच चल रही है, कोर्ट में केस भी चल रहा है. जानते हैं पिछले सालों में किस राज्य में सबसे ज्यादा पेपर लीक हुए.

ये राज्य रहा टॉप पर
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सालों में सबसे ज्यादा पेपर लीक के मामले राजस्थान में सामने आए. यहां 7 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए जिनके माध्यम से 40,590 पदों को भरा जाना था. इस वजह से 38,41,000 कैंडिडेट्स प्रभावित हुए.

दूसरे स्थान पर रहे दो राज्य
पेपर लीक मामले में तेलंगाना और मध्य प्रदेश का नाम राजस्थान के बाद दूसरे स्थान पर कंबाइंड रूप से आता है जहां 5 पेपर लीक के मामले सामने आए. तेलंगाना की इन भर्ती परीक्षाओं के माध्यम से कुल 3770 पदों को भरा जाना था और इससे 6,74,000 कैंडिडेट्स परेशानी में आए. वहीं मध्य प्रदेश में भी कुल 5 मामले सामने आए जिनके माध्यम से 3690 पदों पर भर्ती होनी थी. इस पेपर लीक से 1,64,000 कैंडिडेट्स प्रभावित हुए.

तीसरे स्थान पर रहा उत्तराखंड
पेपर लीक मामले में सबसे ज्यादा केस की बात करें तो तीसरे स्थान पर उत्तराखंड रहा. यहां 1800 पदों पर होने वाली भर्तियों के लिए कुल चार पेपर लीक हुए. इनके लिए 2,37,000 कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था, जो इन पेपर लीक केसेस की वजह से प्रभावित हुए.

चौथे पायदान पर रहे दो स्टेट
चौथे पायदान पर फिर दो राज्य रहे, गुजरात और बिहार. बिहार और गुजरात दोनों जगहों पर कुल तीन पेपर लीक के मामले सामने आए. बिहार में परीक्षा 24,380 पदों के लिए और गुजरात में 5,260 पदों के लिए आयोजित हुई. बिहार में बहुत बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स इससे प्रभावित हुए करीब 22 लाख 87 हजार. वहीं गुजरात में इन परीक्षाओं में 16 लाख 41 हजार के करीब कैंडिडेट्स ने भाग लिया था.

जम्मू-कश्मीर रहा आखिरी पायदान पर
इस लिस्ट में अगला नाम है जम्मू और कश्मीर का. यहां कुल 3 पेपर लीक के मामले सामने आए जिसके माध्यम से 2,330 पदों पर भर्ती होनी थी. इन परीक्षाओं के लिए 2,49,000 कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था और ये सब परेशानी में आए.

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