उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को बुधवार देर रात आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे पहले धामी सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. निलंबित के आदेश के बाद विजिलेंस अधिकारी मामले की जांच करने के लिए उनसे पूछताछ करने पहुंचे थे.
विजिलेंस दफ्तर में करीब 13 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद आईएएस रामविलास यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. विजिलेंस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. यादव ने किसी भी सवाल का वाजिब जवाब नहीं दिया है. पूछताछ के दौरान उनके दस्तावेज का सत्यापन किया गया और तकरीबन 100 से अधिक सवाल किए गए.
वहीं उत्तराखंड के 22 वर्षों के इतिहास में तमाम आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. उनकी विभिन्न एजेंसियों ने जांच भी की है. लेकिन, यह पहला मौका है जब कोई आईएएस गिरफ्तार हुआ और फिर उसे जेल भेजा गया. इससे पहले एक पूर्व आईएएस भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त जरूर किए जा चुके हैं.