उत्‍तराखंड

नैनीताल: कोरोना से ठप हुआ पर्यटन तो कारोबारियों ने लगाई गुहार- होटल छोड़े सरकार- क्वारंटाइन का नियम भी बदले

0
फोटो साभार -न्यूज़ 18


नैनीताल| कोरोना वायरस संक्रमण से कोई क्षेत्र सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है तो वह पर्यटन उद्योग है. केन्द्र सरकार ने होटल खोलने के आदेश जरूर दिए हैं, मगर राज्य के नियम होटलों को खोलने में आड़े आ रहे हैं. कई महीनों से होटल एसोसिशएन राज्य सरकार से नियमों में बदलाव की मांग कर रही है. अब नैनीताल के विधायक संजीव आर्य ने भी सरकार से मांग की है कि कोरोना के मद्देनजर होटलों के लिए बनाए नियमों में बदलाव करें, ताकि पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट सके.

दरअसल, 20 मार्च के बाद से ही नैनीताल में होटल बंद हैं. अप्रैल-मई महीने में जिला प्रशासन ने होटलों का क्वारंटाइन सेंटर और कोविड सेंटर के तौर पर अधिग्रहण कर लिया था. केन्द्र सरकार के होटल, रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत मिलने के बाद भी प्रदेश में होटलों के लिए बने कड़े नियमों की वजह से होटल अभी तक बंद ही हैं.

नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश शाह ने बताया कि कई बार सरकार को इसके बारे में लिखा गया है, मगर अब तक हमारी नहीं सुनी गई है. शाह कहते हैं कि राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों में सरकारों ने पर्यटकों के आने के लिए जैसी योजनाएं बनाई हैं, उत्तराखंड में भी बननी चाहिए. बॉर्डर पर ही पर्यटकों के रैपिड एंटीजन टेस्ट हों, ताकि पहाड़ में पर्यटक आ सकें और कारोबार भी पटरी पर लौट सके.

नैनीताल विधायक ने भी होटल एसोसिएशन की मांग के बाद अब सरकार को पत्र भेजा है. विधायक संजीव आर्य ने मुख्यमत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए क्वारंटाइन अवधि को 7 दिन के बजाए 3 दिन किया जाए. होटलों को अधिग्रहण से मुक्त किया जाए. उन्होंने नैनीताल के लिए एसटीपी निर्माण की मांग की है ताकि एनजीटी के आदेश का भी पालन किया जा सके. न्यूज़ 18 से बातचीत में विधायक संजीव आर्य ने कहा कि राजस्व के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने की ज़रूरत है.

लॉकडाउन से होटल इंडस्ट्री पूरी तरह ठप है. पर्यटक भी नैनीताल नहीं आ रहे हैं. इससे होटलों पर आर्थिक दबाव बढने लगा है. पिछले दिनों कई होटलों ने अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है तो कुछ होटलों ने अपने कार्मचारियों को आधी तनख्वाह दी है.

दिनेश शाह ने कहा है कि अब तक किसी तरह से सैलरी बांटी जा सकी है और अब चिंता यह है कि पैसा खत्म होने की दशा में कर्मचारियों को तनख्वाह कैसे दें. यह चिंता सिर्फ होटल एसोसिएशन की नहीं है बल्कि सरकार की भी क्योंकि इस बार जीएसटी व टैक्स कलेक्शन ज़ीरो ही रहा है.

होटल एसोसिएशन की मांग के बाद डीएम नैनीताल ने साफ किया है कि केन्द्र और राज्य सरकार के जो नियम हैं उनका पालन करना ही होगा. होटल, रेस्टोरेंट संचालकों से उम्मीद की जा रही है कि वे नियमों के तहत ही होटलों का संचालन करें, अगर ऐसा नहीं होता है तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

साभार-न्यूज़ 18

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version