नैनीताल| गुरुवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले में स्थिति रिपार्ट दाखिल करने को कहा. न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने हत्याकांड की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की प्रार्थना करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एसआईटी को जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.
अदालत ने एसआईटी को रिपोर्ट में उन सबूतों के बारे में विस्तार से बताने को कहा है जिन्हें घटना की जगह को बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने से पहले वहां से एकत्रित किया गया था. एसआईटी को यह रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 11 नवंबर तक का समय दिया गया है.
गौरतलब है कि पौडी जिले के यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शिनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर माह में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड की जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी की अध्यक्षता वाली एसआईटी कर रही है.
पौडी गढवाल निवासी आशुतोष नेगी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि पुलिस और एसआईटी मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्यों को छिपा रहे हैं और अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. याचिका में कहा गया है कि जिस दिन नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ, उसी दिन उसका कमरा तोड दिया गया. मृतका के शव का किसी महिला चिकित्सक की मौजूदगी के बिना ही पोस्टमार्टम कर दिया गया,जो उच्चतम न्यायालय के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है.
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पीडिता से दुर्व्यवहार भी किया गया. हालांकि, पुलिस इस तथ्य को छिपा रही है. याचिकाकर्ता ने इसके मद्देनजर सीबीआई जांच का अनुरोध किया है. इस दौरान, हाईकोर्ट परिसर में मौजूद अंकिता के माता-पिता ने संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर कहा कि वे एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं और वे अपनी पुत्री की हत्या की जांच सीबीआई से कराने के पक्ष में हैं.
उन्होंने हाल में रिजॉर्ट परिसर में स्थित आरोपी की आंवला कैंडी की फैक्ट्री में लगी आग पर भी सवाल उठाए और कहा कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी और फैक्ट्री के बिजली का कनेक्शन कटा होने के बावजूद ऐसा कैसे हुआ.