कुमाऊं में इस समय मौसम का अलग-अलग मिजाज देखने को मिल रहा है। पहाड़ी जिलों में हल्की बारिश की फुहारों ने मौसम को सुहावना बना दिया है, जबकि तराई और भाबर के क्षेत्रों में झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है। शुक्रवार को मई का सबसे उच्च तापमान दर्ज किया गया। 15 मई को तापमान 40 डिग्री तक पहुंचा था, जबकि शुक्रवार को यह 41 डिग्री पर पहुंच गया, जो 2011 से अब तक इस माह का सर्वाधिक तापमान है।
2016 में 17 मई को सर्वाधिक तापमान 39.5 डिग्री दर्ज किया गया था। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि शुक्रवार का तापमान कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुका है। फिलहाल मौसम में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है और अगले चार-पांच दिनों में तापमान 42 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।
बाजारों में दिनभर चलने वाली गर्मी के मौसम ने शांति की स्थिति बना दी है। लोग अपने-अपने कामों से निकलते हुए सिर और मुंह ढककर ही चलने को मजबूर हैं। शीतलपेय की दुकानों पर भीड़ लगी है जहां लोग ठंड के गोले खरीदने के लिए बारी बारी से खड़े हो रहे हैं। इसी बीच सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में बिजली की मांग भी बढ़ गई है।
वहीं पहाड़ों में सुबह और शाम को महसूस हो रही ठंडी हवाएं लोगों को राहत पहुंचा रही हैं। डॉक्टर सिंह ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाई के कारण मौसम बदलता है और यहां का तापमान भी सामान्य से कम होता है।