नैनीताल शहर की भार वहन करने की क्षमता अब अपनी सीमा पर पहुंच चुकी है। यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं लगाया गया, तो भविष्य में गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यह चिंताजनक स्थिति अब स्पष्ट रूप से उभरने लगी है।
हाल ही में एक भू-वैज्ञानिक ने लोनिवि के अधिकारियों के साथ टिफिन टॉप और चार्टन लॉज का सर्वेक्षण किया और इस दौरान उन्होंने यह गंभीर चेतावनी दी। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही चाइना पीक का भी सर्वेक्षण किया जाएगा और इन क्षेत्रों में सुरक्षात्मक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस वर्ष 6 अगस्त, 2024 को नैनीताल के प्रमुख पर्यटक स्थल, टिफिन टॉप चोटी पर स्थित डोरोथी सीट का ढहना, शहर की वर्तमान स्थिति का एक स्पष्ट उदाहरण है। भूस्खलन के कारण यह ऐतिहासिक स्थल अब केवल इतिहास का हिस्सा बनकर रह गया है। सुरक्षा कारणों से इस क्षेत्र में आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसी प्रकार पिछले वर्ष 23 सितंबर, 2023 को चार्टन लॉज क्षेत्र में भी भूस्खलन हुआ था, जिससे एक दो मंजिला मकान पूरी तरह से ढह गया था और अन्य दो मकानों को भी गंभीर क्षति पहुंची थी। इस घटनाक्रम को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षात्मक कार्यों की आवश्यकता को समझते हुए पोलोवरम परियोजना प्राधिकरण, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व प्रमुख (जियो) एनएचपीसी लिमिटेड विशेषज्ञों के माध्यम से इस क्षेत्र का सर्वेक्षण कराया। यह सभी घटनाएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि नैनीताल शहर के संरचनात्मक और पर्यावरणीय स्थायित्व के लिए तुरंत और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, अन्यथा भविष्य में और भी भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।