देहरादून| बोधिसत्व उत्तराखंड @25 विचार श्रृंखला के तहत ‘उत्तराखंड की डिजिटल उड़ान’ कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की. इस दौरान यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाले में आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक चयनित युवती ने सीएम धामी की जमकर प्रशंसा की.
साथ ही युवती ने बताया कि उसने वीडीओ की परीक्षा की पास की है. वो दूरस्थ गांव से आती हैं और चार साल से काफी मेहनत की है. अगर परीक्षा रद्द या दोबारा होती है तो उसे काफी दिक्कत होगी. जिस पर सीएम धामी ने मामले में आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया.
दरअसल, देहरादून में आोयजित बोधिसत्व उत्तराखंड @25 विचार श्रृंखला कार्यक्रम में यूकेएसएसएससी के वीडीओ में चयनित एक युवती ने सीएम धामी से फोन पर संवाद किया. इस दौरान युवती ने बताया कि उसने वीडीओ की परीक्षा उत्तीर्ण की है.
यूकेएसएसएससी लीकर पेपर की वजह से उसे भविष्य की चिंता सता रही थी. इसी बीच आपने (सीएम धामी) चयनित अभ्यर्थियों के साथ अन्याय न होने देने की बात कही. जिससे उनकी जान में जान आई. युवती आगे कहती हैं कि वो गांव से आती हैं और लगातार मेहनत की है.
वहीं, युवती से संवाद करते हुए सीएम धामी ने फिर दोहराया कि जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. अभी तक पेपर लीक करने वाले 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर और संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई चल रही है.
कोई भी इस प्रकार का कृत्य करेगा. जो भर्तियों में घोटाला करेगा या फिर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा. उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही कहा कि जल्द ही 7 से 8 हजार पदों पर अन्य एजेंसी से भर्तियां की जाएगी.
गौर हो कि बीती 24 जुलाई को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
जिनमें परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक, कुछ मुन्नाभाई, सचिवालय में तैनात अपर सचिव, जखोल जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह समेत कई लोग शामिल हैं.
इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामला भी इन दिनों सुर्खियों में है. इस मामले में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने तीन सदस्य जांच कमेटी गठित की है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.
पहले चरण में साल 2012 से लेकर अभी (2022) तक की भर्तियों की जांच होगी और दूसरे चरण में राज्य गठन 2002 से लेकर 2012 की भर्तियों की जांच की जाएगी. बता दें विधानसभा भर्ती घोटाले में तमाम नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के नाम सामने आएं हैं.