देहरादून: मुख्य सचिव ने प्रदेश में पंचकर्मा केन्द्रों को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में बैठक की, अधिकारियों दिए ये निर्देश

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शुक्रवार को मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में आयुष विभाग के अन्तर्गत प्रदेश में पंचकर्मा केन्द्रों को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में बैठक की. मुख्य सचिव ने कहा कि यह प्रदेश में आयुर्वेद को मजबूती दिए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए आयुर्वेद में पंचकर्मा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऋषिकेश और देहरादून में विश्वस्तरीय पंचकर्मा केन्द्र बनाए जाएं.

मुख्य सचिव ने कहा कि केरला आयुर्वेद को प्रदेश में बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के डॉक्टर्स सहित 100 प्रतिशत स्टाफ को प्रशिक्षण कराया जाए. डॉक्टर्स को प्रशिक्षण हेतु उच्च स्तरीय संस्थानों में भेजे जाने की आवश्यकता है. उन्होंने इसके लिए सेमिनार भी आयोजित किए जाने की बात कही. कहा कि आयुर्वेदिक संस्थानों और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को राज्य से जो भी सहायता चाहिए, उन्हें दी जाएगी.

मुख्य सचिव ने कहा कि आयुर्वेदिक पद्यति उच्च स्तरीय होने के बावजूद प्रमाणों की कमी के कारण ज्यादा प्रयोग में नहीं ली जाती. उन्होंने कहा कि इसके लिए अनुसंधान और प्रलेखन की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है. रिसर्च को बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाए. उन्होंने कहा कि जानकारी और प्लेटफॉर्म न मिलने के कारण इस दिशा में किए गए कार्यों की किसी को जानकारी नहीं होती.

उन्होंने इसके लिए ई-मैगजीन भी संचालित किए जाने के निर्देश दिए. कहा कि इसमें सभी के लिए शोध आदि प्रकाशित किए जाएं, ताकि इससे इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सभी को जानकारी हो सके. साथ ही, आमजन को जानकारी के लिए ई-पत्रिका, टीवी चैनल और रेडियो चैनल भी संचालित किए जा सकते हैं.

मुख्य सचिव ने आयुष विभाग को अपनी वेबसाइट भी अपग्रेड करने के निर्देश दिए. कहा कि अपनी वेबसाइट में बीमारी और उनके उपचार के साथ ही प्रदेश में उनसे सम्बन्धित कौन कौन सी सुविधाएं कहां कहां उपलब्ध हैं, सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करायी जाए. उन्होंने हाईपरटेंशन, डायबिटीज आदि जैसी आम बीमारियों के कारण एवं उपचार को भी इसमें शामिल किए जाने की बात कही.

मुख्य सचिव ने इस क्षेत्र में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे फर्जी डॉक्टर्स और संस्थानों को रोकने हेतु सिस्टम विकसित किए जाने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता बनाए रखने के लिए संस्थानों को रजिस्टर किए जाने के साथ ही मान्यता पर भी कार्य करने की आवश्यकता है. इस अवसर पर सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.




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