उत्तराखंड में शुरू की गई मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना प्रदेश की मातृ शक्ति को सशक्त बनाने में वरदान साबित हो रही है. वर्तमान में प्रदेश की करीब 37 हजार से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं. बीते एक वर्ष में योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों ने संपूर्ण प्रदेश में ₹318.98 लाख का कारोबार किया है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है. सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की पैकेजिंग से लेकर ब्रांडिंग तक की व्यवस्था की जा रही है.
बीते वर्ष रक्षाबंधन पर 24 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना की शुरुआत की थी. योजना का लक्ष्य महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध करना था. इसके लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शनी लगाई जाती है साथ ही उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की जाती है.
स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर (मार्केटिंग) रोहित सिंह ने बताया कि योजना के तहत अगस्त 2023 से जून 2024 की समावधि के दौरान प्रदेश के 95 ब्लॉकों में कुल 1428 स्टॉलों के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ₹318.98 लाख का कारोबार किया गया.
इस वर्ष भी विभाग ने प्रत्येक महीने की 25-30 तारीख के बीच ब्लॉक स्तर पर स्टॉल लगाने एवं प्रदेश में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेलों पर स्टॉल लगाकर समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन का निर्णय लिया है. इस वर्ष देहरादून स्थित सचिवालय में स्टॉल के माध्यम से योजना की शुरुआत की गई है. जल्द ही प्रदेश के अन्य ब्लॉकों में भी स्टॉल लगाए जाएंगे.
स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि योजना के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी में जबरदस्त उछाल आया है. वो आत्मनिर्भर और सशक्तिकरण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही हैं.
उत्तराखंड में शुरू की गई मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना प्रदेश की मातृ शक्ति को सशक्त बनाने में वरदान साबित हो रही है. वर्तमान में प्रदेश की करीब 37 हजार से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं. बीते एक वर्ष में योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों ने संपूर्ण प्रदेश में ₹318.98 लाख का कारोबार किया है.
सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है. सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की पैकेजिंग से लेकर ब्रांडिंग तक की व्यवस्था की जा रही है.
बीते वर्ष रक्षाबंधन पर 24 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना की शुरुआत की थी. योजना का लक्ष्य महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध करना था. इसके लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शनी लगाई जाती है साथ ही उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की जाती है.
स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर (मार्केटिंग) रोहित सिंह ने बताया कि योजना के तहत अगस्त 2023 से जून 2024 की समावधि के दौरान प्रदेश के 95 ब्लॉकों में कुल 1428 स्टॉलों के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ₹318.98 लाख का कारोबार किया गया.
इस वर्ष भी विभाग ने प्रत्येक महीने की 25-30 तारीख के बीच ब्लॉक स्तर पर स्टॉल लगाने एवं प्रदेश में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेलों पर स्टॉल लगाकर समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन का निर्णय लिया है. इस वर्ष देहरादून स्थित सचिवालय में स्टॉल के माध्यम से योजना की शुरुआत की गई है. जल्द ही प्रदेश के अन्य ब्लॉकों में भी स्टॉल लगाए जाएंगे.
स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि योजना के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी में जबरदस्त उछाल आया है. वो आत्मनिर्भर और सशक्तिकरण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही हैं.