सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये है. उन्होंने इस संबंध में सही तथ्यों से आम जनता को अवगत कराने तथा इन मामलों की जांच एवं सजा आदि के आंकड़ों को भी सही ढंग से तैयार किये जाने के निर्देश दिये है.
बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव सीएम विनय शंकर पाण्डे, अपर सचिव न्याय सुधीर कुमार सिंह, सहित पुलिस एवं गृह विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे.
मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में महिलाओं एवं बाल अपराध की समीक्षा के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों में अपराधी को समय पर सजा मिले इसके लिये ऐसे प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाये जाने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए. उन्होंने अभियोजन विभाग की मजबूती के लिये अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने के निर्देश दिये हैं.
सीएम ने कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए. ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए. साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए. ताकि अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं. प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं. शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए.
महिला अपराधों से संबंधित मामलों की जनपदों में जिलाधिकारी स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए. विवेचना और पैरवी में कमी पाए जाने पर तत्काल उन कमियों को दूर करने के प्रयास किये जाये. सीएम ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है. इस संबंध में महिलाओं एवं बच्चों से जुड़े संगठनों से भी नियमित सम्पर्क रखा जाए. सिस्टम इस प्रकार का हो कि महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है. जनपद व राज्य स्तर पर महिला काउंसिल सेल गठित किया गया है. प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक तथा चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है. साथ ही महिला अपराधों की विवेचना महिला अधिकारी द्वारा किये जाने की व्यवस्था है.
प्रदेश में बाल अपराधों पर नियंत्रण हेतु प्रत्येक जनपद में विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी प्रत्येक जनपद में बाल मित्र थाने की स्थापना तथा पॉक्सो के पर्यवेक्षण हेतु स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है. ऑपरेशन मुक्ति के तहत 2017 से अब तक प्रदेश में 7670 बच्चों का सत्यापन तथा 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किया गया है. जबकि ऑपरेशन स्माइल के तहत 2015 से 2021 के मध्य 2221 बच्चे तथा 604 महिलायें बरामद की गई.