सीएम धामी ने पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी की पुस्तक ‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’ का किया विमोचन

देहरादून| शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक, देहरादून स्थित आई.आर.डी.टी सभागार में उत्तराखण्ड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ का विमोचन किया.अनिल रतूड़ी ने यह पुस्तक एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने संस्मरण एवं अनुभव के आधार पर लिखी है.

सीएम धामी ने कहा कि अनिल रतूड़ी द्वारा इस पुस्तक के माध्यम से एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने सेवाकाल के संस्मरणो, अनुभवों और चुनौतियों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है. उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता दोनों में एक समान रहना स्थितप्रज्ञ है.

यह पुस्तक सेवा में आ रहे लोगों को निर्णय लेने में मदद करेगी. सीएम धामी ने कहा कि जब हमें एहसास होता है कि धरा पर कोई हमारा साथ देने वाला नहीं, तब हम धरातल से ऊपर उठकर सीधे प्रभु से संबंध वाली स्थिति में आते हैं, यह भी स्थितप्रज्ञ है. ऐसा प्रभु की कृपा से ही संभव है.

सीएम धामी ने कहा कि अनिल रतूड़ी ने एक सफल और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्य किया. रतूड़ी दंपति ने अपने कार्यों और व्यवहार से उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि देश में अपना एक विशेष स्थान बनाया. दोनों ने साधारण रहते हुए जनहित में असाधारण कार्य कर अपनी अलग साख बनाई. अपने सेवाकाल के दौरान अनिल रतूड़ी ने अनेक बार कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर समस्याओं का समाधान किया. उन्होंने कहा कि मनुष्य में कर्म करते हुए अपने मन को शांत रखते हुए लक्ष्य प्राप्त करने का गुण होना जरूरी है.

सीएम धामी ने कहा कि पुलिस के पास शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी चुनौती होती है. हर चुनौती का सामना करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ संयम का होना भी जरूरी होता है. यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें अनेक उतार-चढ़ाव और चुनौतियां आती हैं, इसमें विपरीत परिस्थितयों में नैतिकता और धैर्य बनाये रखना जरूरी है. आज पुलिस के पास आधुनिक तकनीक है. पहले सीमित संसाधन होते हुए भी पुलिस को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था.

‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ पुस्तक के लेखक अनिल रतूड़ी ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने पुलिस अधिकारी के रूप में साढ़े तीन दशक के अनुभव के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण संस्मरणों, अनुभवों और चुनौतियों का वर्णन करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि शांति और कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस को जो शक्तियां दी गई हैं, मानव कल्याण के लिए उनका सदुपयोग करना आवश्यक है.

इस पुस्तक के माध्यम से यह प्रयास किया गया है कि हमारे नये अधिकारी कैसे चुनौतियों का सामना कर धैर्य से अपने कार्यपथ पर आगे बढ़े और अपनी जिम्मेदारियों का पूरी कर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कर सकें. उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य कि सफलता में केवल एक व्यक्ति की भूमिका नहीं होती है, उसमें अनेक लोगों का योगदान होता है.

कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि ऐसी धारणा होती है कि अगर वर्दी है तो स्थितप्रज्ञ नहीं हो सकता है और अगर स्थितप्रज्ञ जो है वो वर्दी नहीं पहन सकता है. अनिल रतूड़ी ने इस मिथक को अपने जीवन के प्रेरणादायी यात्रा से तोड़ा है कि वर्दी में स्थितप्रज्ञ रहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अनिल रतूड़ी के लेखन शैली में में टी.एस. इलियट का प्रभाव दिखता है.

सुख, दुःख, जोश में और अपने उतार-चढ़ाव वाले जीवन में एक तरह व्यवहार करने वाला व्यक्ति स्थितप्रज्ञ है. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने बताया है कि एक पुलिस अधिकारी की जिंदगी तलवार की धार की तरह है. चक्रव्यूह के अन्दर आ गये और उसे तोड़ दिया तो भी विजित कहलायेंगे वो जरूरी नहीं है, नहीं तोड़ा तो असफल तो आप कहलायेंगे ही.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मंगल गीत गाया.


मुख्य समाचार

अहमदाबाद- मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में बड़ा हादसा,भारी कंक्रीट के मलबे में फंसे मजदूर

गांधीनगर| अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में एक बड़ा हादसा...

शरद पवार ले सकते हैं राजनीति से संन्यास!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार ने बड़ी...

Topics

More

    अहमदाबाद- मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में बड़ा हादसा,भारी कंक्रीट के मलबे में फंसे मजदूर

    गांधीनगर| अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में एक बड़ा हादसा...

    शरद पवार ले सकते हैं राजनीति से संन्यास!

    महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार ने बड़ी...

    सुप्रीम कोर्ट का यूपी मदरसा एक्ट पर बड़ा फैसला, 16 हजार मदरसों को राहत

    मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट...

    यूपी में डीजीपी के चयन के नियमों में बदलाव, अब ऐसे होगी नियुक्ति

    यूपी में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन के नियमों...

    Related Articles