उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण मैदानी क्षेत्रों में भी असर देखा जा रहा है। हरिद्वार और ऋषिकेश में तेज बारिश के चलते गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरूप गंगा के घाट और तटीय क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं।
रविवार की सुबह लगभग 10 बजे गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा 339.50 मीटर से 15 सेंटीमीटर ऊपर 339.65 मीटर तक पहुंच गया था। इस स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। गंगा घाटों और तटों पर जल पुलिस को तैनात किया गया है, और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
रविवार को पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी, लेकिन इसी के साथ गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने क्षेत्र के ग्रामीणों में बाढ़ का भय भी पैदा कर दिया है। गंगा नदी का जलस्तर रविवार शाम चार बजे 292.70 मीटर तक पहुंच गया, जबकि चेतावनी स्तर 293 मीटर और खतरे का निशान 294 मीटर पर है।
जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, बालावाली, कलसिया, गिद्धावाली, पौडोवाली, बादशाहपुर, शेरपुर बेला, चंद्रपुरी कला, चंद्रपुरी खुर्द और उत्तर प्रदेश के रामसहायवाला व हिम्मतपुर बेला गांवों के निवासियों के मन में बाढ़ की आशंका गहराती जा रही है। ग्रामीणों की चिंता बढ़ने लगी है कि कहीं यह बढ़ता जलस्तर उनके जीवन और संपत्ति को संकट में न डाल दे।